Hazaribagh : भारत सरकार के महत्वाकांक्षी आदि कर्मयोगी अभियान के तहत हजारीबाग में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर जनजातीय कार्य मंत्रालय की नमिता कौशिक, उप-विकास आयुक्त इश्तियाक अहमद समेत कई अधिकारी शामिल हुए। अधिकारियों ने गांवों का दौरा कर समस्याओं को समझा और विकास के लिए योजना बनाई, जिसे ग्राम सभा में पारित किया गया। हजारीबाग के 105 गांवों को इस अभियान के लिए चुना गया है।
जनजातीय समुदाय के लिए सशक्तिकरण की पहल
आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य जनजातीय समुदाय को सशक्त करना और जिम्मेदार शासन को बढ़ावा देना है। 2 अक्टूबर को हजारीबाग में आयोजित विशेष ग्राम सभा में अधिकारियों ने हिस्सा लिया। उप-विकास आयुक्त इश्तियाक अहमद ने बताया कि 2030 तक जनजातीय बहुल गांवों को विकसित करने का लक्ष्य है। इसके लिए 105 गांवों का चयन किया गया है। ग्रामीणों की जरूरतों और समस्याओं को समझकर हर गांव के लिए अलग-अलग विकास योजना बनाई जाएगी।
20 लाख कर्मयोगियों का कैडर बनेगा
इस अभियान के तहत 20 लाख से अधिक जनजातीय कर्मयोगियों का एक कैडर तैयार किया जाएगा। ये कर्मयोगी अपनी भाषा, संस्कृति और पहचान को बनाए रखते हुए जमीनी स्तर पर बदलाव लाएंगे। गांव वाले खुद अपने लिए विलेज एक्शन प्लान बनाएंगे। इसके लिए आदिशक्ति समूह और आदि सहयोग समूह बनाए जाएंगे, जिसमें सरकारी कर्मचारी भी शामिल होंगे।

आदि सेवा केंद्र और साप्ताहिक बैठकें
ग्रामीण क्षेत्रों में आदि सेवा केंद्र खोले जाएंगे, जहां हर हफ्ते बैठकें होंगी। इन बैठकों में ग्रामीण और सरकारी अधिकारी हिस्सा लेंगे। विलेज एक्शन प्लान को केंद्र सरकार के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा, जिसके आधार पर योजनाएं लागू होंगी। यह अभियान उन गांवों पर केंद्रित है, जहां 50% से अधिक आबादी जनजातीय समुदाय की है।
जनजाति गौरव वर्ष के तहत शुरू हुआ अभियान
आदि कर्मयोगी अभियान 10 जुलाई 2025 को जनजाति गौरव वर्ष के तहत शुरू किया गया। इसका लक्ष्य 550 जिलों और 1 लाख से अधिक जनजातीय गांवों में अंतिम छोर तक सेवाएं पहुंचाना है। यह अभियान जनजातीय समुदाय के विकास और उनकी संस्कृति को संरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
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