Kishanganj : जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे प्रदेश की राजनीति में हलचल बढ़ती जा रही है। इसी बीच AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल में अपनी जोरदार मौजूदगी दर्ज कराते हुए चार दिन की ‘न्याय यात्रा’ शुरू कर दी है। इस यात्रा का मकसद सीमांचल के मुद्दों को उठाना और क्षेत्रीय आवाज को मजबूती देना बताया जा रहा है।
मंगलवार को किशनगंज पहुंचते ही ओवैसी का जोरदार स्वागत हुआ। बागडोगरा एयरपोर्ट से लेकर शहर तक AIMIM कार्यकर्ता “शेर आया शेर” के नारे लगाते नजर आए। बुधवार को ओवैसी ने किशनगंज में करीब 100 किलोमीटर का सफर तय किया और 9 जनसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने अपनी यात्रा की शुरुआत से पहले स्थानीय होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की, जिसमें कई बड़े राजनीतिक संदेश दिए।
ओवैसी ने साफ किया कि उनकी पार्टी सिर्फ चुनाव लड़ने नहीं आई है, बल्कि सीमांचल की उपेक्षा के खिलाफ आवाज उठाने आई है। उन्होंने बताया कि AIMIM ने राजद प्रमुख लालू यादव को दो चिट्ठियां और तेजस्वी यादव को एक चिट्ठी लिखकर छह सीटों पर लड़ने की पेशकश की थी। साथ ही यह भी कहा गया था कि सत्ता में आने पर पार्टी को कोई मंत्री पद नहीं चाहिए, केवल सीमांचल विकास बोर्ड का गठन होना चाहिए।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में ओवैसी ने कहा, “हम पर हर बार आरोप लगाया जाता है कि हम किसी की ‘बी टीम’ हैं। लेकिन आज बिहार की जनता जान चुकी है कि ये आरोप केवल हमारे जनाधार को दबाने के लिए लगाए जाते हैं। अगर हमारे विधायक तोड़ लिए गए तो कोई आसमान नहीं गिरा। हम आज भी यहां हैं और सीमांचल की जनता के साथ खड़े हैं।”
AIMIM नेता अख्तर-उल-ईमान भी इस यात्रा में ओवैसी के साथ हैं और सीमांचल में पार्टी को मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। ओवैसी की यात्रा से यह साफ हो गया है कि AIMIM इस बार सीमांचल की राजनीति को केंद्र में लाकर चुनावी समीकरणों में बदलाव लाने की तैयारी में है।