Johar Live Desk : कार्तिक मास का हिंदू पंचांग में विशेष महत्व होता है, और साल 2025 में यह मास 8 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। इस महीने में भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और मां तुलसी की आराधना विशेष रूप से की जाती है।
इसी माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाने वाला करवा चौथ व्रत, सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है।
करवा चौथ 2025: व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त
- चतुर्थी तिथि आरंभ: 9 अक्टूबर 2025, रात 10:54 बजे
- चतुर्थी तिथि समाप्त: 10 अक्टूबर 2025, शाम 7:38 बजे
- व्रत तिथि: 10 अक्टूबर 2025 (उदया तिथि के अनुसार)
- पूजा का शुभ समय: शाम 5:16 से शाम 6:29 तक
- चंद्रोदय (चंद्र दर्शन): शाम 7:42 बजे
करवा चौथ पूजा सामग्री सूची
पूजा के लिए निम्न सामग्रियाँ एकत्रित करें:
- पुष्प, मिठाई, फल, मेवे
- कच्चा दूध, दही, शक्कर, देसी घी
- गंगाजल, अक्षत (चावल), सिंदूर
- अगरबत्ती, दीपक, धूप
- मेहंदी, चूड़ी, बिंदी, चुनरी
- महावर, बिछुआ, कंघा
- पीली मिट्टी, चलनी, जल का लोटा
- पूजा थाली और करवा
करवा चौथ व्रत एवं पूजन विधि (स्टेप-बाय-स्टेप)
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
- सरगी (ससुराल से प्राप्त) को सूर्योदय से पहले ग्रहण करें।
- दिनभर निर्जला व्रत रखें (बिना पानी के)।
- सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें।
- घर के मंदिर में शिव-पार्वती-गणेश की पूजा करें।
- करवा चौथ व्रत कथा का श्रवण या पाठ करें।
- शाम को पूजा थाली सजाएं — फूल, दीप, मिठाई, करवा आदि रखें।
- करवा में चावल और दक्षिणा भरें।
- चंद्रमा के दर्शन के बाद, अर्घ्य अर्पित करें।
- छन्नी में दीपक रखकर पहले चंद्रमा और फिर पति का मुख देखें।
- पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत का पारण करें।
- बुज़ुर्गों से आशीर्वाद लें और पूजन सामग्री किसी सुहागन को भेंट करें।
- अंत में सात्विक भोजन करें।
व्रत के नियम और सावधानियाँ
- व्रत के दिन मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहें।
- झगड़ा, विवाद या नकारात्मक सोच से बचें।
- काले कपड़े पहनने से परहेज करें; पारंपरिक और रंगीन वस्त्र पहनना शुभ होता है।
- पूजा स्थान और घर की साफ-सफाई अच्छे से करें।
- पूजा सामग्री समय से पहले एकत्र कर लें।
- दिनभर आराम करें, अधिक शारीरिक श्रम से बचें।
- शाम को चंद्रमा दर्शन कर ही व्रत खोलें यह अनिवार्य है।
- व्रत का संकल्प पूरी श्रद्धा और निष्ठा से लें।
- पूजा में हुई भूल-चूक के लिए क्षमा याचना करें।
विशेष महत्व
करवा चौथ का व्रत केवल उपवास का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह पति-पत्नी के रिश्ते में प्रेम, समर्पण और विश्वास की गहराई को दर्शाता है। इस दिन की पूजा, नियम और परंपराएं जीवन में सुख-शांति और सौभाग्य का आशीर्वाद लाती हैं।