Telangana : नक्सली संगठन को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। लंबे समय से सुरक्षा बलों की वांटेड लिस्ट में शामिल कुख्यात नक्सली कमांडर किशनजी की पत्नी सुजाता ने आखिरकार आत्मसमर्पण कर दिया। सुजाता पर सरकार ने एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया था। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह सरेंडर नक्सल विरोधी मोर्चे पर बड़ी सफलता है। तेलंगाना पुलिस के मुताबिक, सुजाता के आत्मसमर्पण को लेकर विस्तृत जानकारी राज्य के डीजीपी प्रेस कॉन्फ्रेंस में करेंगे।
नक्सली संगठन की टॉप लिस्ट में थी सुजाता
बताया जाता है कि सुजाता नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी की सदस्य थी। वह दक्षिण सब-जोनल ब्यूरो की इंचार्ज भी रही और लंबे समय से छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में सक्रिय थी। बस्तर में कई बड़ी नक्सली वारदातों को अंजाम देने में उसकी भूमिका रही है। सुरक्षा बलों के रिकॉर्ड के मुताबिक, सुजाता का नाम देश की टॉप महिला नक्सलियों की सूची में आता है। उसकी तुलना कई बार ‘चंदन तस्कर वीरप्पन’ से की जाती है। इतना ही नहीं, माना जाता है कि उसने कुख्यात नक्सली हिड़मा को भी ट्रेनिंग दी थी।
2024 में गिरफ्तारी की खबर का किया था खंडन
17 अक्टूबर 2024 को सुजाता को तेलंगाना से गिरफ्तार किए जाने की खबर सामने आई थी। उस समय यह खबर सुर्खियों में रही थी, लेकिन जल्द ही सुजाता ने खुद इसका खंडन कर दिया था। उसने बयान जारी कर कहा था कि उसकी गिरफ्तारी की खबर पूरी तरह अफवाह है। बताया गया था कि वह इलाज कराने बस्तर से तेलंगाना गई थी और वहीं पुलिस ने उसे पकड़ लिया था। हालांकि अब सुजाता का आधिकारिक आत्मसमर्पण हो चुका है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि सुजाता का सरेंडर नक्सल संगठन की गतिविधियों को कमजोर करेगा।
नक्सली संगठन को बड़ा झटका
विशेषज्ञों का कहना है कि सुजाता के सरेंडर से न केवल संगठन को रणनीतिक नुकसान पहुंचेगा, बल्कि इससे सुरक्षा बलों का मनोबल भी बढ़ेगा। चूंकि सुजाता नक्सलियों के शीर्ष नेतृत्व में शामिल रही है, इसलिए उसका बाहर निकलना संगठन की मजबूती को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा।
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