Johar Live Desk: सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में स्पष्ट किया है कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान आरक्षण का लाभ लेने वाले उम्मीदवार सामान्य श्रेणी की सीटों पर चयनित नहीं हो सकते, जब तक कि भर्ती नियम ऐसा अनुमति न दें।
यह निर्णय एसएससी कांस्टेबल (जीडी) भर्ती मामले में दिया गया है और आने वाले समय में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं और सरकारी नियुक्तियों पर इसका बड़ा असर पड़ सकता है। यह फैसला केवल एसएससी भर्ती तक सीमित नहीं है, बल्कि उन अन्य परीक्षाओं और नौकरियों पर भी लागू हो सकता है, जहाँ आरक्षण की सुविधा दी जाती है।
अक्सर ऐसा होता है कि ओबीसी या एससी-एसटी वर्ग के कुछ उम्मीदवार सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों से अधिक अंक प्राप्त कर लेते हैं। लेकिन इस फैसले के अनुसार, ऐसे उम्मीदवार केवल तभी सामान्य श्रेणी की सीट के लिए पात्र होंगे जब उन्होंने परीक्षा में बिना किसी आरक्षण लाभ के हिस्सा लिया हो।
कोर्ट ने उम्मीदवारों की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि नियम स्पष्ट हैं। जो व्यक्ति आरक्षण का लाभ लेता है, उसे सामान्य श्रेणी में समान प्रतिस्पर्धा में शामिल नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस व्याख्या का उद्देश्य चयन प्रक्रिया को पारदर्शी और न्यायपूर्ण बनाना है।
बेंच ने यह भी स्पष्ट किया कि सामान्य श्रेणी की सीटें उन उम्मीदवारों के लिए होती हैं जो बिना किसी विशेष रियायत के परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं और मेरिट लिस्ट में आते हैं। यदि कोई उम्मीदवार आरक्षण लाभ लेकर परीक्षा में शामिल होता है, तो इससे प्रतिस्पर्धा का समान मैदान नहीं बनता, इसलिए ऐसे उम्मीदवार सामान्य श्रेणी की सीटों पर चयनित नहीं हो सकते।