Jamtara : करोड़ों रुपए का टेंडर मैनेज कर सरकार को चूना लगाने का एक मामला जामताड़ा में प्रकाश में आया है। स्थानीय संवेदक कलामुद्दीन अंसारी ने लिखित शिकायत उपायुक्त को देकर कुछ संवेदकों द्वारा मनमाने तरीके से टेंडर मैनेज करने का आरोप लगाया है। कलामुद्दीन ने उपायुक्त को दिये आवेदन में कहा है कि बीते 28 29 अगस्त को थाना परिसर में पथ निर्माण विभाग द्वारा निकाले गए टेंडर की निविदा डालने की प्रक्रिया की गई जिसमें कुछ ठेकेदारों के द्वारा डरा धमका कर संवेदकों को बीओक्यू नहीं खरीदने दिया गया। बताया कि पथ निर्माण विभाग के द्वारा 15 समूह में निविदा डालने को लेकर बीओक्यू की बिक्री की जा रही थी, जिसमें कल्याण पाल बेवा और दीपक पासवान के द्वारा कहा गया कि 12 ग्रुप का काम रांची, दुमका और जामताड़ा में मैनेज हो गया है इसलिए इसका बीओक्यू नहीं खरीदा जाएगा, इसके लिए कतीपय संवेदकों के द्वारा जान से मारने की धमकी भी दी गई। बताया कि सिर्फ तीन समूह में ही स्थानीय संवेदकों को बीओक्यू खरीदने के लिए कहा गया। कलामुद्दीन ने उपायुक्त से 28 29 अगस्त को जो निविदा की प्रक्रिया आरंभ की गई थी, उसे रद्द कर पुनः भय मुक्त वातावरण में निविदा प्रक्रिया पूरी करने की मांग की है।
कलामुद्दीन ने कहा कि करोड रुपए का टेंडर मनमाने तरीके से मैनेज किए जाने के कारण सरकार को लाखों रुपए का चूना लग रहा है। सबसे अहम बात यह है कि पथ निर्माण विभाग अभी स्वयं मुख्यमंत्री के पास है और उनके रहते इस तरह की धांधली हो यह कतई भी ठीक नहीं है। वैसे भी जामताड़ा में टेंडर मैनेज का यह खेल वर्षों से चला आ रहा है जिस पर ना तो प्रशासन की कोई कार्रवाई होती है ना ही कोई उच्च स्तर से इस मामले में दखल दिया जाता है।
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