Patna : बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। राजनीतिक दल चुनावी मैदान में उतरने को पूरी तरह तैयार दिख रहे हैं और जनता को अब सिर्फ तारीखों के ऐलान का इंतजार है। चुनाव आयोग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक चुनाव छठ पूजा के बाद कराए जाने की संभावना है। माना जा रहा है कि छठ पर्व (26 और 27 अक्टूबर) पर बड़ी संख्या में लोग अपने घर लौटते हैं, ऐसे में मतदान प्रतिशत बढ़ सकता है। यही वजह है कि आयोग इस अवधि को चुनाव के लिए उपयुक्त मान रहा है।
नई वोटर लिस्ट 30 सितंबर तक जारी होने की उम्मीद है। इसके बाद चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा। अगर अक्टूबर के पहले हफ्ते में तारीखें घोषित होती हैं तो नियमानुसार 30 दिन बाद मतदान कराया जा सकता है। ऐसे में पहले चरण का चुनाव नवंबर के पहले हफ्ते में होने की संभावना है।
पिछली बार की तरह इस बार भी चुनाव तीन चरणों में कराए जा सकते हैं। राज्य में 22 नवंबर तक नई विधानसभा का गठन होना है, इसलिए अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होना तय है। इस बार मुकाबला एनडीए (भाजपा-जेडीयू गठबंधन), इंडिया गठबंधन (कांग्रेस-आरजेडी) और प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाले तीसरे मोर्चे के बीच होने की उम्मीद है। प्रशांत किशोर पिछले दो सालों से जनता के बीच सक्रिय हैं और इस बार सीधे मैदान में उतर सकते हैं।
साल 2020 में बिहार की 243 सीटों पर चुनाव तीन चरणों में हुआ था। पहले चरण में 28 अक्टूबर को 71 सीटों पर, दूसरे चरण में 3 नवंबर को 94 सीटों पर और तीसरे चरण में 7 नवंबर को 78 सीटों पर वोटिंग हुई थी। नतीजे 10 नवंबर को आए थे। उस चुनाव में भाजपा ने 74, जेडीयू ने 43, कांग्रेस ने 19 और वाम दलों ने 16 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
इस बार का चुनाव किसकी सरकार बनाएगा, यह जनता के फैसले पर निर्भर करेगा।