Bokaro (Manoj Sharma) : इंडो-नेपाल डॉक्टर्स फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. पी. के. ठाकुर ने बोकारो के तेनुघाट में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए भारत और नेपाल के बीच पारिवारिक और मैत्रीपूर्ण संबंधों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच “बेटी-रोटी” का रिश्ता रहा है और दोनों सरकारें आपसी समस्याओं के समाधान के लिए हमेशा सहयोग करती रही हैं।
डॉ. ठाकुर ने नेपाल में व्याप्त जातीय संघर्ष पर चिंता जताई, जहां खस आर्य समुदाय द्वारा तराई क्षेत्र के मधेशी और दलित समुदायों का कथित तौर पर शोषण किया जा रहा है। उन्होंने नेपाल सरकार में पूर्व उप-प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री रहे उपेंद्र यादव के नेतृत्व में मधेशी समुदाय के संघर्ष को रेखांकित किया। डॉ. ठाकुर ने बताया कि उपेंद्र यादव ने हाल ही में नेपाल में प्रस्तावित भूमि विधेयक का विरोध किया, जिसके पारित होने से मधेशियों की जमीन पर भू-माफियाओं का कब्जा हो सकता था। इस विरोध ने यादव की लोकप्रियता को बढ़ाया है, जिसके चलते नेपाल सरकार 19 साल पुरानी एक घटना को उभारकर उन्हें फंसाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, जांच एजेंसियों ने इस मामले में यादव को दोषी नहीं पाया है।

डॉ. ठाकुर ने भारत और नेपाल के साझा सीमा क्षेत्रों में आपसी सहयोग की सराहना की, जिससे दोनों देशों को सुरक्षा पर भारी खर्च से बचने में मदद मिलती है। उन्होंने भारत सरकार से अपील की कि नेपाल के प्रधानमंत्री के आगामी भारत दौरे के दौरान मधेशी समुदाय के हितों को मजबूती से उठाया जाए। उन्होंने कहा, “भारत और नेपाल मित्र राष्ट्र हैं, और दोनों देशों के बीच पारिवारिक रिश्ते हैं। भारत को इस मामले में हस्तक्षेप कर मधेशी समुदाय के पक्ष को रखना चाहिए।”
फोरम के अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि भारत-नेपाल संबंधों को और मजबूत करने के लिए दोनों देशों को मिलकर काम करना चाहिए, ताकि क्षेत्रीय शांति और समृद्धि सुनिश्चित हो सके।
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