Johar Live Desk: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 15 अगस्त से फास्टैग वार्षिक पास की सुविधा शुरू कर दी है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ महीने पहले इसकी घोषणा की थी। यह पास केवल नॉन-कमर्शियल और निजी वाहनों जैसे कार, जीप और वैन के लिए उपलब्ध है और इसका उद्देश्य टोल यात्रा की औसत लागत को कम करना है।
इसे खरीदने या रिन्यू करने के लिए ‘राजमार्गयात्रा’ मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया जा सकता है, जो गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर पर उपलब्ध है। ऐप में जरूरी जानकारी भरने और शुल्क जमा करने के बाद यह पास मौजूदा फास्टैग पर ही सक्रिय हो जाएगा, नया फास्टैग लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
इसकी कीमत 3,000 रुपये है और यह एक वर्ष या 200 ट्रिप तक, जो पहले पूरा हो, मान्य रहेगा। एक टोल पार करने को एक ट्रिप माना जाएगा, जबकि आने-जाने की यात्रा दो ट्रिप गिनी जाएगी। यदि कोई टोल बंद है तो राउंड ट्रिप को एक ट्रिप माना जाएगा। 200 ट्रिप पूरी होने के बाद पास को दोबारा रिन्यू करना होगा।

यह पास केवल राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधीन आने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर लागू होगा। राज्य सरकार के अधीन आने वाले हाईवे, जैसे यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर यह मान्य नहीं होगा।
इस पास से टोल शुल्क की औसत लागत करीब 50 रुपये से घटकर 15 रुपये प्रति ट्रिप रह सकती है। यह सुविधा खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो सालाना लगभग 2,500 से 3,000 किलोमीटर टोल रोड पर यात्रा करते हैं। इससे टोल प्लाजा पर भीड़ कम होगी, विवाद घटेंगे और यात्रा का अनुभव बेहतर होगा।