Patna : राजधानी पटना और उसके आसपास के 13 नगर निकायों में गंदगी और दुर्गंध से जल्द ही राहत मिलने वाली है। बिहार सरकार ने ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर एक बड़ी परियोजना को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना 514.59 करोड़ रुपये की लागत से लोक-निजी भागीदारी (PPP) मोड में लागू की जाएगी। कैबिनेट द्वारा मंजूर इस योजना के तहत पटना, दानापुर, फतुहा, खगौल, फुलवारीशरीफ, संपतचक, मनेर, मसौढ़ी, बिहटा, बख्तियारपुर, नौबतपुर, पुनपुन और खुसरूपुर जैसे नगर निकायों से कचरा एकत्र कर रामचक बैरिया में वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित किया जाएगा।
पहली बार ठोस कचरा प्रबंधन को VGF से मिलेगी फंडिंग
देश में यह पहली बार है जब केंद्र सरकार ने सामाजिक आधारभूत परियोजना के तहत ठोस कचरा प्रबंधन को वीएबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) देने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत बिहार को केंद्र सरकार से 154.38 करोड़ रुपये की सहायता राशि मिलेगी। अगर परियोजना को 30 प्रतिशत से अधिक VGF की आवश्यकता होती है, तो अतिरिक्त राशि राज्य सरकार अपने रिंगफेंस खाते से देगी।
प्रतिदिन 1600 टन कचरे की होगी प्रोसेसिंग
रामचक बैरिया में प्रस्तावित संयंत्र प्रतिदिन 1600 टन कचरे की प्रोसेसिंग करेगा। इस प्रक्रिया से 15 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जो राजधानी पटना की ऊर्जा जरूरतों को काफी हद तक पूरा करेगा। संयंत्र में प्रतिदिन 100 टन बायो-मिथेनेशन भी किया जाएगा, जिससे बायोगैस तैयार की जाएगी और उसे घरों तक पहुंचाया जाएगा।

इसके साथ ही इस संयंत्र से खेतों के लिए जैविक खाद भी तैयार की जाएगी। राज्य सरकार का मानना है कि यह परियोजना न केवल पटना और इसके आसपास के क्षेत्रों को स्वच्छ बनाएगी, बल्कि कचरे से आय का एक नया स्रोत भी विकसित करेगी।
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