Ranchi : हजारीबाग के बहुचर्चित खासमहल जमीन घोटाले में अब निलंबित IAS अफसर विनय चौबे का भी नाम जुड़ गया है। शराब घोटाले में पहले से ही जेल में बंद विनय चौबे को इस मामले में भी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने आरोपी बनाया है। बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्हें हजारीबाग ACB की विशेष कोर्ट में पेश किया गया।
कैसे सामने आया मामला?
यह कार्रवाई ACB थाना प्रभारी सौरभ लकड़ा की शिकायत पर की गई। पहले से इस केस में तत्कालीन खासमहल पदाधिकारी विनोद चंद्र झा, बसंती सेठी, उमा सेठी, इंद्रजीत सेठी, राजेश सेठी, विजय प्रताप सिंह और सुजीत कुमार सिंह को आरोपी बनाया गया था।
जांच में सामने आई गड़बड़ी
ACB ने इस घोटाले की प्रारंभिक जांच पहले ही की थी। पता चला कि 1948 में ट्रस्ट को लीज पर दी गई 2.75 एकड़ जमीन को, जिसकी लीज 2008 तक बढ़ाई गई थी, 2008 से 2010 के बीच कुछ लोगों को यह कहकर दे दिया गया कि यह सरकारी जमीन है।
जमीन को कैसे बना दिया सरकारी?
ACB की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में बताया गया कि खासमहल पदाधिकारी विनोद चंद्र झा ने लीज के रिन्यूअल में ‘ट्रस्ट सेवायत’ शब्द जानबूझकर हटा दिया, ताकि जमीन को सरकारी दिखाया जा सके और उसका गलत तरीके से ट्रांसफर किया जा सके।
असल में, ट्रस्ट की जमीन को नियमों के मुताबिक किसी और को नहीं दिया जा सकता था, लेकिन गड़बड़ी कर इसे 23 निजी लोगों को बांट दिया गया। आज इस जमीन पर बड़े कमर्शियल बिल्डिंग खड़े हैं, जो इसी गड़बड़ी का नतीजा हैं।
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