Patna : बिहार के ऊर्जा विभाग के सचिव मनोज कुमार सिंह ने बिहार राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (BSPGCL) की विभिन्न ऊर्जा परियोजनाओं की गहन समीक्षा की। इस बैठक में BSPGCL के प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
कजरा सौर परियोजना और BESS को इस दिन तक पूरा करने का लक्ष्य
सचिव ने कजरा सौर ऊर्जा परियोजना को बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) के साथ 30 सितंबर 2025 तक हर हाल में पूर्ण करने का निर्देश दिया। यह परियोजना बिहार में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। इसके अतिरिक्त, उन्होंने राज्य के 15 ग्रिड सब-स्टेशनों में 500 मेगावाट-घंटा (MWh) क्षमता वाली BESS की स्थापना शीघ्र शुरू करने का आदेश दिया। यह प्रणाली नवीकरणीय ऊर्जा को ग्रिड में स्थिर और सुलभ बनाएगी, जिससे बिजली आपूर्ति विश्वसनीय होगी और लोड प्रबंधन में सुधार होगा।
फुलवरिया फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट नवंबर 2025 तक होगा तैयार
बैठक में फुलवरिया स्थित फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट को नवंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। यह तकनीक जल निकायों पर सोलर पैनल स्थापित कर भूमि की कमी की समस्या को दूर करती है और उभरते सौर समाधानों में अहम भूमिका निभाती है।
तालाबों और नहरों पर सौर परियोजनाओं के लिए SECI से समन्वय
ऊर्जा सचिव ने तालाबों और नहरों के किनारे सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भारतीय सौर ऊर्जा निगम (SECI) के साथ समन्वय कर एजेंसियों के चयन और कार्यान्वयन की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने का निर्देश दिया।
परमाणु ऊर्जा की संभावनाओं पर विचार
राज्य की दीर्घकालिक ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में संभावनाओं की समीक्षा की गई। न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCIL) के साथ संयुक्त बैठक आयोजित कर ठोस कार्ययोजना तैयार करने पर जोर दिया गया।
“समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण कार्य हमारी प्राथमिकता”
ऊर्जा सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा, “बिहार सरकार नवीकरणीय और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को प्राथमिकता दे रही है। भविष्य की ऊर्जा मांगों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक परियोजना को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा करना हमारा लक्ष्य है।” उन्होंने अधिकारियों को परियोजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग करने और देरी को सख्ती से रोकने का निर्देश दिया।
बिहार में ऊर्जा क्षेत्र में नई क्रांति की शुरुआत
इन परियोजनाओं के माध्यम से बिहार न केवल अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में अग्रसर है, बल्कि स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा के क्षेत्र में भी एक नया मानक स्थापित कर रहा है।
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