Johar Live Desk : हरियाली तीज, सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह पर्व विशेष रूप से सुहागिन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जो अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, हरी चूड़ियां, बिंदी, साड़ी और मेहंदी लगाती हैं, क्योंकि हरा रंग सुहाग का प्रतीक माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल 26 जुलाई 2025 को रात 10:41 बजे शुरू होकर 27 जुलाई की रात 10:42 बजे तक रहेगी। तिथि के अनुसार हरियाली तीज का व्रत 26 जुलाई को मनाया जाएगा।
क्यों खास है हरियाली तीज :
मान्यता है कि इस दिन मां पार्वती की 108 साल की कठिन तपस्या के बाद भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इसलिए, यह त्योहार पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करने और सुख-समृद्धि की कामना के लिए मनाया जाता है। सावन में प्रकृति की हरियाली इस पर्व को और खास बनाती है।
घर के मुख्य द्वार पर टीका लगाने की परंपरा
हरियाली तीज के दिन घर के मुख्य द्वार पर हल्दी, कुमकुम और मेहंदी का टीका लगाना शुभ माना जाता है।
- हल्दी का टीका : हल्दी गुरु ग्रह का प्रतीक है और इसे लगाने से घर में सकारात्मकता बढ़ती है।
- कुमकुम का टीका : लाल रंग का कुमकुम मंगल ग्रह से जुड़ा है, जो वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाता है।
- मेहंदी का टीका : मेहंदी लगाने से नकारात्मकता दूर होती है और दांपत्य जीवन सुखमय बनता है।
पूजा विधि
हरियाली तीज के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर नए वस्त्र और हरे श्रृंगार धारण करें। पूजा के लिए लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और मिट्टी से शिव परिवार की मूर्ति बनाकर स्थापित करें। भगवान को नए वस्त्र पहनाएं और हरे पौधों के साथ पूजा करें। मां गौरी को हरी चूड़ियां, बिंदी, वस्त्र और सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। इस दिन निर्जला व्रत रखने से सुहाग की आयु बढ़ती है और अविवाहित कन्याओं को अच्छा वर मिलता है।
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