Ranchi : झारखंड सरकार राज्य में चल रहे कोचिंग संस्थानों को नियंत्रित करने के लिए कड़ा कदम उठाने जा रही है। उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ‘झारखंड कोचिंग सेंटर (कंट्रोल एंड रेगुलेशन) बिल 2025’ तैयार कर रहा है, जिसे मानसून सत्र में विधानसभा में पेश किया जा सकता है। इससे पहले इसे कैबिनेट की मंजूरी दी जाएगी।
क्यों लाया जा रहा है यह बिल?
राज्य में संचालित कई कोचिंग संस्थानों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, अत्यधिक फीस वसूली और छात्रों की सुरक्षा से जुड़ी समस्याएं सामने आई हैं। ऐसे में सरकार कोचिंग सेक्टर को रेगुलेट करने के लिए यह बिल लाने जा रही है।
नया कानून उन कोचिंग संस्थानों पर लागू होगा जो 50 या उससे अधिक विद्यार्थियों को स्कूल, कॉलेज या प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए पढ़ाते हैं।
कमेटी होगी गठित
- राज्य और जिला स्तर पर कोचिंग सेंटर रेगुलेटरी कमेटी बनाई जाएगी।
- ये कमेटी कोचिंग सेंटरों के पंजीकरण की स्वीकृति या अस्वीकृति करेगी।
- छात्रों और अभिभावकों की शिकायतों के निवारण के लिए एक विशेष सेल का गठन भी किया जाएगा।
- छात्रावासों में पुलिस गश्त को अनिवार्य किया जाएगा।
- कोचिंग शुरू करने से पहले पांच लाख रुपये की बैंक गारंटी देनी होगी।
महत्वपूर्ण प्रावधान
- पंजीकरण 5 वर्षों के लिए होगा, इसके बाद नवीनीकरण किया जा सकेगा।
- सभी कोचिंग संस्थानों को 6 महीने के भीतर आवेदन करना होगा।
- तय समय में आवेदन नहीं करने पर दंड और कार्रवाई होगी।
- हर सेंटर को अपनी जानकारी एक वेब पोर्टल पर देनी होगी जिसमें फीस, कोर्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षक, मूल्यांकन आदि की जानकारी अपलोड करनी होगी।
- हर सेंटर से अंडरटेकिंग ली जाएगी कि वह तय मानकों का पालन करेगा।
फ्रेंचाइज़ी और मल्टी सेंटर पर नियम
एक से अधिक सेंटरों को अलग-अलग माना जाएगा, उनके लिए अलग आवेदन देना होगा। इस विधेयक के लागू होने के बाद राज्य में कोचिंग संस्थानों की मानक प्रक्रिया के तहत निगरानी संभव होगी और छात्रों को बेहतर सुविधा मिलने की उम्मीद है।
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