Johar Live Desk : छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़े शराब घोटाले से जुड़े मामले में छापेमारी की। इस कार्रवाई के तहत ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल से जुड़े कई ठिकानों पर रेड की। इस छापेमारी के बाद चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस कदम के बाद छत्तीसगढ़ की सियासत में खलबली मच गई है और राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं।
शराब घोटाले का क्या है मामला?
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन अगले ही साल 2019 में राज्य में एक बड़ा शराब घोटाला सामने आया। ईडी के अनुसार, 2019 से लेकर 2022 तक इस घोटाले के जरिए अवैध कमाई की गई। यह काली कमाई शराब के माध्यम से की गई और इसमें कई बड़े नाम जुड़े थे। ईडी का कहना है कि यह सारा घोटाला भूपेश बघेल सरकार के ध्यान में होते हुए भी चलता रहा।
इस मामले की जांच अभी जारी है और ईडी ने इस पूरे मामले में कई दस्तावेज और सबूत जमा किए हैं। चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद सरकार और विपक्ष के बीच राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। विपक्ष ने इस मामले को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जबकि सरकार ने ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक दबाव वाला बताया है।
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