Patna : पटना नगर निगम की शुक्रवार को आयोजित बैठक में उस समय हंगामा मच गया, जब पार्षदों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि बात गाली-गलौज से शुरू होकर हाथापाई तक पहुंच गई। इस दौरान कई पार्षदों के कुर्ते फट गए, जिससे स्थिति की गंभीरता साफ झलकती है। हंगामे के कारण बैठक पूरी तरह बाधित हो गई और अंततः इसे स्थगित करना पड़ गया।
बैठक में मेयर सीता साहू, उप मेयर, तमाम पार्षद और निगम आयुक्त मौजूद थे। मिली जानकारी के अनुसार विवाद की शुरुआत तब हुई जब मेयर ने एक एजेंडा पास किया, जिसका निगम आयुक्त ने विरोध किया। आयुक्त ने आरोप लगाया कि नियमों के खिलाफ निजी एजेंसी को फायदा पहुंचाने के लिए यह एजेंडा पास किया गया। इसके बाद आयुक्त ने अपने अधिकारियों के साथ बैठक का बहिष्कार कर दिया। इस बात से नाराज मेयर गुट के पार्षदों और विरोधी गुट के बीच तीखी बहस शुरू हो गई, जो देखते ही देखते गाली-गलौज और हाथापाई में बदल गई।
स्थायी समिति के सदस्य संजीत कुमार ने निगम आयुक्त पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा, “जब सर्वसम्मति से निगम और स्थायी समिति ने एजेंडा पास कर दिया, तो आयुक्त इसका विरोध कैसे कर सकते हैं?” बहिष्कार के बावजूद सभी एजेंडों को पास कर दिया गया। इस दौरान पार्षदों ने निगम आयुक्त के खिलाफ जमकर नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन किया।
विवाद के केंद्र में नगर निगम के बजट आवंटन, विकास कार्यों की धीमी गति और संसाधनों के वितरण जैसे मुद्दे थे। मेयर सीता साहू ने पार्षदों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन स्थिति बेकाबू हो गई। मौके पर मौजूद कर्मचारी और अधिकारी भी विवाद को नियंत्रित करने में असफल रहे। इस घटना ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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