Ranchi : नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद झारखंड के कॉलेजों से इंटर की पढ़ाई हटा दी गई है। इसका सीधा असर उन शिक्षकेत्तर अनुबंध कर्मचारियों पर पड़ा है जो वर्षों से इन कॉलेजों में काम कर रहे थे। अब रांची यूनिवर्सिटी क्षेत्र के 500 से ज्यादा कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं।
90 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना
ये कर्मचारी पिछले 90 दिनों से रांची के राजभवन के सामने धरने पर बैठे हैं। उनकी मांग है कि उन्हें अन्य कॉलेजों में समायोजित किया जाए या फिर पुरानी नौकरी को ही जारी रखा जाए। सरकार से कोई जवाब नहीं मिलने पर अब आंदोलन तेज हो गया है।
पकौड़ी बेचकर जताया विरोध
बुधवार को कर्मचारियों ने धरनास्थल पर ही पकौड़ी तलकर विरोध जताया। उन्होंने राहगीरों को पकौड़ियां बेचते हुए कहा, “हम विरोध नहीं कर रहे, बस जिंदा रहने की कोशिश कर रहे हैं। अब दो वक्त की रोटी भी मुश्किल हो गई है।”
नौकरी चली गई, भविष्य अंधेरे में
इन कर्मचारियों में बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्होंने सालों तक ईमानदारी से कॉलेजों में काम किया। कुछ की उम्र अब सरकारी नौकरी के लिए ज़्यादा हो चुकी है। न नई नौकरी मिल रही है, न कोई विकल्प। एक महिला कर्मचारी ने रोते हुए कहा, “हम पढ़े-लिखे हैं, मेहनती हैं, लेकिन अब कोई सुनने वाला नहीं है। घर चलाना मुश्किल हो गया है।”
हर जगह की अपील, पर सुनवाई नहीं
धरने पर बैठे कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने राज्यपाल कार्यालय, उच्च शिक्षा विभाग और जनप्रतिनिधियों तक अपनी बात पहुंचाई है। कई बार ज्ञापन दिए लेकिन अब तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला। उनका कहना है कि यह कोई राजनीतिक आंदोलन नहीं, बल्कि उनके जीवन, परिवार और सम्मान से जुड़ा सवाल है।
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