Ranchi : राजद के प्रदेश महासचिव एवं मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने शिनवार को आरएसएस और भाजपा पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरएसएस के कार्यवाहक सरसंघचालक दत्तात्रेय होसबोले और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने संविधान की मूल प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवाद’ शब्दों को हटाने की बात कही थी। यादव ने इसे संविधान और बहुजन हितों पर सीधा हमला करार देते हुए कहा कि भारत एक बहुधर्मी, बहुभाषी, बहुसांस्कृतिक लोकतांत्रिक राष्ट्र है, जहां सभी समुदायों की समान भागीदारी और अधिकार की गारंटी ‘धर्मनिरपेक्षता’ और ‘समाजवाद’ जैसे मूल सिद्धांतों से मिलती है।
उन्होंने कहा, “BJP और RSS की संविधान विरोधी विचारधारा अब उजागर हो चुकी है। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेताओं द्वारा 400 सीटें जीतने पर संविधान में बदलाव की बात की गई थी, अब उसी एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।”
कैलाश यादव ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, महात्मा गांधी, पं. नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद, राममनोहर लोहिया, कर्पूरी ठाकुर, लालू प्रसाद यादव और अन्य जननायकों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन नेताओं ने संविधान के माध्यम से समाज के वंचित वर्गों को अधिकार और पहचान दिलाने का कार्य किया। आज भी देश की बड़ी आबादी गरीबी रेखा के नीचे है, जो 5 किलो मुफ्त अनाज पर निर्भर है, ऐसे में समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे सिद्धांत आवश्यक हैं।
उन्होंने आगाह किया कि “अगर धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद जैसे शब्द संविधान से हटाए जाते हैं, तो यह देश की बहुजन आबादी के सामाजिक और आर्थिक अस्तित्व पर खतरा होगा। यह सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि भारत की आत्मा हैं।”
यादव ने स्पष्ट किया कि राजद भाजपा और संघ के इस एजेंडे को किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देगा। पार्टी संविधान की रक्षा और बहुजन हितों के लिए सड़क से संसद तक संघर्ष करेगी।
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