Ranchi : भाजपा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने दावा किया कि 6 मई को रांची में आयोजित होने वाली कांग्रेस की राज्यस्तरीय संविधान बचाओ रैली एक नौटंकी है। कांग्रेस ने संविधान और लोकतंत्र पर जितने प्रहार किए वो देश के इतिहास में काले पन्ने के रूप में दर्ज है। बाबूलाल मरांडी ने रविवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में कहा कि कांग्रेस ने अपने 60 वर्षों के शासन में 79 बार संविधान में संशोधन किए, जो सिर्फ तुष्टीकरण और सत्ता के लिए हुआ। गैर-कांग्रेसी सरकारों को बार-बार गिराने के लिए राष्ट्रपति शासन (आर्टिकल 356) का दुरुपयोग किया गया।
उन्होंने कहा कि 1966–1977 के बीच संविधान में 25 बार संशोधन किया गया। न्यायपालिका में हस्तक्षेप करते हुए इंदिरा गांधी ने 25 अप्रैल 1973 को तीन वरिष्ठ न्यायाधीशों को दरकिनार कर एएन राय को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया। यह निर्णय केशवानंद भारती केस में बहुमत के विरुद्ध मत देने वाले जज को प्रमोट करके न्यायपालिका पर दबाव बनाने का प्रयास था।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 42वां संविधान संशोधन इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान पारित किया। यह न्यायपालिका, संसद और मूल अधिकारों को कमजोर करने की साज़िश थी। संविधान पर इस व्यापक प्रहार को जनता पार्टी ने आकर रोका। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने आपातकाल के दौरान समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और राष्ट्रीय अखंडता जैसे शब्द जोड़े। यह कार्य बिना आम सहमति या जनमत के किया गया और इसे मुस्लिम तुष्टिकरण से प्रेरित माना गया। आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन माना जाता है। मौलिक अधिकारों, प्रेस की स्वतंत्रता, और न्यायपालिका की स्वायत्तता पर खुला हमला किया गया।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने मुस्लिम समुदाय को एससी-एसटी कोटे में शामिल करने की सिफारिश की। यह संविधान प्रदत्त आरक्षण प्रणाली को कमजोर करने और अल्पसंख्यक तुष्टिकरण का प्रयास था। कर्नाटक में यह प्रयोग हाल फिलहाल में किया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने कृत्यों के लिए जनता से माफी मांगे। मौके पर पार्टी प्रवक्ता राफिया नाज और योगेंद्र प्रताप सिंह भी मौजूद थे।
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