Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    18 Jun, 2025 ♦ 1:06 PM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»जोहार ब्रेकिंग»…..फिर अन्य प्रदेशों की ओर लौटने लगे परेशान प्रवासी मजदूर
    जोहार ब्रेकिंग

    …..फिर अन्य प्रदेशों की ओर लौटने लगे परेशान प्रवासी मजदूर

    Team JoharBy Team JoharJune 23, 2020Updated:June 23, 2020No Comments4 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    Joharlive Desk

    मुजफ्फरपुर। कोरोना काल की शुरुआत से लेकर अब तक अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूरों का बिहार लौटना एक तरफ जहां जारी है, वहीं शुरुआत में आए प्रवासी मजदूर अब फिर से अन्य राज्यों की ओर वापस जाने लगे हैं। सरकार ने भले ही इन मजदूरों को रोजगार देने का वादा किया हो, लेकिन इन मजदूरों को सरकार पर भरोसा नहीं। इसलिए ये रोजगार की आस में अन्य राज्यों की ओर लौट रहे हैं।

    कोसी, मिथिलांचल और चंपारण के इलाकों में रोज पंजाब और हरियाणा से बसें आ रही हैं, जो मजदूरों को अपने साथ धान रोपनी के लिए ले जा रही हैं। एक अनुमान के मुताबिक, पंजाब से प्रतिदिन 50 से लेकर 100 से भी अधिक बसें बिहार के कई इलाकों में पहुंच रही हैं और फिर यहां से मजदूरों को लेकर वापस लौट रही हैं।

    इसके अलावा दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, तेलंगाना आदि राज्यों की छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयों में काम करने के लिए भी बड़ी संख्या में मजदूर बिहार से जा रहे हैं। मुजफ्फरपुर के औराई, कटरा और मीनापुर प्रखंड से रोजाना मजदूर बाहर जा रहे हैं।

    लुधियाना के एक गांव में काम करने वाले और मीनापुर के रहने वाले राकेश यादव ने कहा, “अभी धान रोपाई का मौसम चल रहा है, इसलिए हम जा रहे हैं। बिहार में लंबे समय तक अगर रहेंगे तो खाएंगे क्या। यहां ज्यादा दिन तक रहना मुश्किल है।”

    कोयली पंचायत के मुखिया अजय कुमार सहनी भी कहते हैं कि लोग यहां से पंजाब के खेतों में काम करने के लिए लौट रहे हैं। मेरी पंचायत से 2,000 से अधिक लोग जहां से आए थे, वहां लौट गए हैं। यहां आने के बाद भी ये लोग वहां के लोगों के संपर्क में थे।

    इधर, गोपालगंज से भी मजदूरों का पलायन जारी है। दरअसल, कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में काम कर रहे मजदूर परेशान होकर अपने घर लौट आए थे। इन मजदूरों ने शायद यह सोचा था कि अब अपने गांव में ही कोई काम करके परिवार का भरण-पोषण कर लेंगे, लेकिन वैसी स्थिति दिख नहीं रही है। गोपालगंज के जिला परिवहन पदाधिकारी प्रमोद कुमार भी मानते हैं कि अन्य राज्यों से बसें आ रही हैं और यहां से मजदूरों को ले जा रही हैं।

    उन्होंने बताया, बलथरी चेक पोस्ट पर रोजाना एक सौ से ड़ेढ़ सौ बसें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान से आ रही हैं। हमने पता किया तो बस वालों ने बताया कि वे लोग बिहार के विभिन्न जिलों से मजदूरों को लेकर जाने के लिए आए हैं। खाली बसें बिहार में प्रवेश कर रही हैं और मजदूरों को साथ लेकर बॉर्डर पार कर रही हैं।

    वैसे, वापस जाने वाले मजदूरों को कोरोना का डर भी सता रहा है, लेकिन क्या करें। रोजगार भी जरूरी है। अररिया के रहने वाले मोहम्मद रूस्तम पंजाब जा रहे हैं। वे कहते हैं, “कोरोना का डर तो है, लेकिन यहां रहकर पेट कैसे भरेगा? हम पति-पत्नी के अलावे दो बच्चे और माता-पिता हैं। गांव में रहकर करेंगे क्या, कमाएंगे नहीं तो खाएंगे क्या?

    राज्य के उद्योग मंत्री श्याम रजक का कहना है कि सरकार लोगों को रोजगार देने के लिए कृतसंकल्पित है। वे कहते हैं, कुशल मजदूरों का डाटा तैयार करवाया जा रहा है, जिनमें बढ़ई, पलंबर, लेथ, वेल्डिंग मशीन, मोटर मैकेनिक, राजमिस्त्री, गारमेंट व सर्विस जैसे अन्य सेक्टर के कामगार शामिल हैं। इसके आधार पर निवेशकों को बताया जा सकेगा कि किस सेक्टर में राज्य में कितने कुशल या अर्धकुशल कामगार हैं। उसी आधार पर रोजगार दिया जाएगा।

    इधर, विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार पर हमलावर है। प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व सचिव ललन कुमार कहते हैं कि सरकार ने कोरोना के संकट के प्रारंभिक दौर से ही लोगों को अपनी किस्मत पर छोड़ दिया है। सरकार प्रवासी मजूदरों को रोजगार देने के मामले में भी सिर्फ ‘चहेरा’ चमका रही है।

    उन्होंने कहा, भागलपुर में अन्य प्रदेशों से लौटे लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है। सरकार केवल ‘लफ्फाजी’ कर रही है। उन्होंने तो यहां तक कहा कि रोजगार की बात छोड़ दीजिए, गांवों में लोगों के दो टाइम खाने पर भी आफत है।

    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleटिड्डी नियंत्रण अभियान जोरों पर, चपेट में 7 राज्यों के 84 जिले
    Next Article डब्ल्यूएचओ ने कहा, भारत में मामले बढ़ने का कारण जाँच में तेजी नहीं

    Related Posts

    बिहार

    CM नीतीश कुमार ने किया राजेंद्र भवन निर्माण कार्य का शिलान्यास

    June 18, 2025
    क्राइम

    जवान लड़के को पीट-पीटकर उतारा मौ’त के घाट, पुरानी रंजिश की आशंका

    June 18, 2025
    ट्रेंडिंग

    बिहार के इस जिले में मिलेगा गोवा जैसा आनंद

    June 18, 2025
    Latest Posts

    CM नीतीश कुमार ने किया राजेंद्र भवन निर्माण कार्य का शिलान्यास

    June 18, 2025

    जवान लड़के को पीट-पीटकर उतारा मौ’त के घाट, पुरानी रंजिश की आशंका

    June 18, 2025

    तेज बारिश में स्कॉर्पियो बिजली के खंभे से टकराई, बाल-बाल बचा चालक

    June 18, 2025

    रेलवे ट्रैक पर मिली ये डे’ड बॉडी किसकी…

    June 18, 2025

    अर्जेंटीना से पिछले मैच का बदला लेने उतरेगी भारतीय महिला हॉकी टीम

    June 18, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.