Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    19 Jun, 2025 ♦ 10:22 AM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»सेहत»सर्दियों में बेहद फायदेमंद है अमरूद, जानेंगे तो रोज खाएंगे
    सेहत

    सर्दियों में बेहद फायदेमंद है अमरूद, जानेंगे तो रोज खाएंगे

    Team JoharBy Team JoharJanuary 13, 2020No Comments4 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    Joharlive Desk

    नई दिल्ली: अमरूद सेहत के लिहाज से एक शानदार फल माना जाता है। अमरूद की तासीर ठंडी होती है। ये पेट की बहुत सी बीमारियों को दूर करने का रामबाण इलाज माना जाता है। अमरूद के सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है। इसके बीजों का सेवन करना भी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अमरूद में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा होती है जिससे अनेक बीमारियों में फायदा होता है। आयुर्वेद में अमरूद और इसके बीजों के सेवन के कई लाभ गिनाए गए हैं।
     दरअसल अमरूद के बीज काफी गुणकारी होते है। इनके सेवन से यानी इन्हें चबा चबाकर खाया जाए तो शरीर में आयरन तत्व की पूर्ति होती है। साथ ही इसके खाने से कब्ज की शिकायत दूर हो जाती है। अगर आपको कब्ज की समस्या है तो सुबह खाली पेट पका हुआ अमरूद खाना फायदेमंद रहता है।
    ऐसा कहा जाता है कि अमरूद को काटकर पूरा खाना चाहिए। इसे शेयर नहीं करना चाहिए। दरअसल इसके पीछे जानकारों का यह मानना है कि पूरे अमरूद में एक बीज होता है जो आपको पूरे सर्दियों में सर्दी-जुकाम से दूर रखता है। साथ ही आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।

    पेटदर्द : अमरूद के पेड़ की पत्तियों को बारीक पीसकर काले नमक के साथ चाटने से लाभ होता है। अमरूद के फल की फुगनी (अमरूद के फल के नीचे वाले छोटे पत्ते) में थोड़ा-सी मात्रा में सेंधानमक को मिलाकर गुनगुने पानी के साथ पीने से पेट में दर्द समाप्त होता है। यदि पेट दर्द की शिकायत हो तो अमरूद की कोमल पत्तियों को पीसकर पानी में मिलाकर पीने से आराम होता है।

    अपच : अपच, अग्निमान्द्य और अफारा के लिए अमरूद बहुत ही उत्तम औषधि है। इन रोगों से पीड़ित व्यक्तियों को 250 ग्राम अमरूद भोजन करने के बाद खाना चाहिए। जिन लोगों को कब्ज न हो तो उन्हें खाना खाने से पहले खाना चाहिए।

    बवासीर : सुबह खाली पेट 200-300 ग्राम अमरूद नियमित रूप से सेवन करने से बवासीर में लाभ मिलता है। कुछ दिनों तक रोजाना सुबह खाली पेट 250 ग्राम अमरूद खाने से भी बवासीर ठीक हो जाती है। बवासीर को दूर करने के लिए सुबह खाली पेट अमरूद खाना उत्तम है। मल-त्याग करते समय बांयें पैर पर जोर देकर बैठें। इस प्रयोग से बवासीर नहीं होती है और मल साफ आता है। पके अमरुद खाने से पेट का कब्ज खत्म होता है, जिससे बवासीर रोग दूर हो जाता है।

    कब्ज : अच्छी किस्म के तरोताजा बड़े-बड़े अमरूद लेकर उसके छिलकों को निकालकर टुकड़े कर लें और धीमी आग पर पानी में उबालें। जब अमरूद आधे पककर नरम हो जाएं, तब नीचे उतारकर कपड़े में डालकर पानी निकाल लें। उसके बाद उससे 3 गुना शक्कर लेकर उसकी चासनी बनायें और अमरूद के टुकड़े उसमें डाल दें। फिर उसमें इलायची के दानों का चूर्ण और केसर इच्छानुसार डालकर मुरब्बा बनायें। ठंडा होने पर इस मुरब्बे को चीनी-मिट्टी के बर्तन में भरकर, उसका मुंह बंद करके थोड़े दिन तक रख छोड़े। यह मुरब्बा 20-25 ग्राम की मात्रा में रोजाना खाने से कब्जियत दूर होती है।

    खांसी : एक कच्चे अमरूद को लेकर चाकू से कुरेदकर उसका थोड़ा-सा गूदा निकाल लेते हैं। फिर इस अमरूद में पिसी हुई अजवायन तथा पिसा हुआ कालानमक 6-6 ग्राम की मात्रा में लेकर भर देते हैं। इसके बाद अमरूद पर कपड़ा लपेटकर उसमें गीली मिट्टी का लेप चढ़ाकर आग में भून लेते हैं पकने के बाद इसके ऊपर से मिट्टी और कपड़ा हटाकर अमरूद को पीस लेते हैं। इसे आधा-आधा ग्राम की मात्रा में शहद के साथ मिलाकर सुबह-शाम रोगी को चटाने से काली खांसी में लाभ होता है।

    जल्द घाव भरना : अमरूद की कोमल पत्तियां उबालकर पीने से पुराने दस्तों का रोग ठीक हो जाता है। दस्तों में आंव आती रहे, आंतों में सूजन आ जाए, घाव हो जाए तो 2-3 महीने लगातार 250 ग्राम अमरूद रोजाना खाते रहने से दस्तों में लाभ होता है। अमरूद में-टैनिक एसिड होता है, जिसका प्रधान काम घाव भरना है। इससे आंतों के घाव भरकर आंते स्वस्थ हो जाती हैं।

    #Online news Helth news Latest news
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleबिहार में जूनियर इंजीनियर की 200 पदों पर भर्तियां, जल्द करें आवेदन
    Next Article खूंटी : दिन में होती है नदियों से बालू खुदाई और रात भर ढुलाई

    Related Posts

    Facts

    हड्डियों और जोड़ों को रखना है मजबूत, तो अपनाएं ये जरूरी उपाय

    June 18, 2025
    झारखंड

    हर मरीज को समय पर गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा देना हमारा लक्ष्य : DC भजंत्री

    June 11, 2025
    झारखंड

    शादीशुदा महिला के पति पर हमला, आरोपी ने खुद को बताया ऑरिजनल पति

    June 10, 2025
    Latest Posts

    उत्तर-दक्षिण बिहार को जोड़ेगा बख्तियारपुर-ताजपुर गंगा पुल, DM ने दिये निर्देश

    June 19, 2025

    शराब घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई, कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया को ACB ने किया अरेस्ट

    June 19, 2025

    बिहटा एयरपोर्ट विस्तार के लिए यहां से ली जाएगी जमीन

    June 19, 2025

    गर्भवती महिला की संदिग्ध मौ’त, ससुराल वाले फरार

    June 19, 2025

    तेज बारिश में मिट्टी धंसने से दो स्कूली बच्चे कुंआ में समाए, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

    June 19, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.