Jamshedpur : एमजीएम थाना क्षेत्र के गोकुलनगर में 350 से अधिक घरों को हटाने के वन विभाग के आदेश के खिलाफ स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। लगातार दूसरे दिन शनिवार को भी बड़ी संख्या में महिलाओं ने जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और पुनर्वास की मांग उठाई। इस दौरान प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की गाड़ी रोकने का प्रयास किया, हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस ने उन्हें शांत कर हटाया।
प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि वे गोकुलनगर में पिछले 40 वर्षों से रह रही हैं। शुक्रवार को भी उन्होंने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर पुनर्वास की मांग की थी और तोड़फोड़ की कार्रवाई पर रोक लगाने की अपील की थी। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि उन्हें अचानक और बिना किसी पूर्व सूचना या वैकल्पिक व्यवस्था के घर खाली करने को कहा जा रहा है, जो कि अमानवीय है।
महिलाओं ने कहा कि एक घर पहले ही ढहा दिया गया है और बाकी घरों को खाली करने का नोटिस जारी किया गया है। क्षेत्र के अधिकतर निवासी दिहाड़ी मजदूर, ठेला चालक और श्रमिक वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में उनके घर टूटने की स्थिति में वे पूरी तरह से बेघर हो जाएंगे, जिससे उनके बच्चों की पढ़ाई और परिवार की आजीविका पर संकट खड़ा हो जाएगा।
गौरतलब है कि गोकुलनगर दलमा इको-सेंसिटिव ज़ोन के अंतर्गत आता है और वन विभाग इस क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रहा है। इसी के तहत निवासियों को सात दिन में घर खाली करने का आदेश जारी किया गया है।
प्रदर्शन के बाद उपायुक्त ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को आश्वासन दिया कि वे आधे घंटे के भीतर उनसे मिलेंगे और उनकी समस्याओं को सुना जाएगा। स्थानीय लोगों और महिलाओं ने जिला प्रशासन से मांग की है कि जब तक वैकल्पिक पुनर्वास की उचित व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक किसी भी घर को नहीं तोड़ा जाए।
अब सबकी निगाहें जिला प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हैं।
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