Godda : भीषण गर्मी में खेती करना चुनौती बन गया है, वहीं गोड्डा जिले की महिलाएं 40-45 डिग्री तापमान में मिल्की मशरूम उगाकर आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रही हैं। यह संभव हुआ है अदाणी फाउंडेशन की ओर से दी गई मुफ्त ट्रेनिंग और संसाधनों की मदद से। मिल्की मशरूम की खासियत है कि यह 35-40 डिग्री तापमान और 90% नमी में बंद कमरे में भी उग सकता है। कम लागत और अधिक मुनाफे की वजह से यह गर्मी में खेती का कारगर विकल्प बन चुका है।
महिलाओं की बदलती तस्वीर
अदाणी पावर प्लांट से सटे गांवों मोतिया, डुमरिया, पटवा, रंगनिया, बक्सरा, नयाबाद, गंगटा आदि में 200 से अधिक महिलाएं मशरूम उत्पादन कर रही हैं। ये महिलाएं अब दूसरी महिलाओं को भी ट्रैन्ड(प्रशिक्षित) कर रही हैं, जिससे पूरे गांव में आर्थिक और सामाजिक बदलाव देखने को मिल रहा है।
बिंदु देवी की सफलता की कहानी
पटवा गांव की बिंदु देवी पहले सिर्फ घरेलू काम करती थीं, लेकिन अब वह मशरूम उत्पादन से हर महीने 8 से 10 हजार रुपये कमा रही हैं। उनका कहना है, “अब मेरी खुद की पहचान है। पहले लगता था खेती सिर्फ पुरुषों का काम है, लेकिन अब मैं भी कमाने वाली बन गई हूं।” मिल्की मशरूम की खेती में 20-25 रुपये प्रति किलो की लागत आती है, जबकि बाजार में यह 200-400 रुपये प्रति किलो तक बिकता है। यानी लागत का 10 गुना मुनाफा संभव है। मशरूम न केवल स्वादिष्ट और पौष्टिक है, बल्कि इसमें औषधीय गुण भी होते हैं। डॉक्टर भी इसे स्वास्थ्य लाभ के लिए खाने की सलाह देते हैं।
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