Ranchi : महाप्रभु जगन्नाथ रथयात्रा में आस्था, परंपरा और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। इस यात्रा के दौरान कई अनूठी धार्मिक परंपराएं निभाई जाती हैं। ऐसी ही एक परंपरा पंचमी तिथि को निभाई जाती है, जब माता लक्ष्मी भगवान जगन्नाथ के रथ का पहिया तोड़ती हैं।
नाराज माता लक्ष्मी तोड़ती हैं रथ का पहिया
सोमवार को माता लक्ष्मी, मौसीबाड़ी जाकर भगवान के रथ का पहिया तोड़ेंगी। मंदिर के पुजारी उनकी प्रतिमा को रथ तक लेकर जाएंगे, जहां वह अपनी नाराजगी के प्रतीक स्वरूप रथ का पहिया तोड़ देंगी। मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ रथयात्रा पर जाते समय माता लक्ष्मी को साथ नहीं ले जाते, जिससे वे रुष्ट हो जाती हैं।
मरम्मत के बाद भगवान लौटते हैं मंदिर
घटना के बाद रथ की मरम्मत कराई जाती है और फिर भगवान उसी रथ पर सवार होकर मौसीबाड़ी से वापस मुख्य मंदिर लौटते हैं। यह परंपरा भक्तों के बीच गहरे श्रद्धा और उत्साह का केंद्र होती है।
लक्ष्मी नहीं खोलती मंदिर का द्वार
कहा जाता है कि वापसी पर माता लक्ष्मी भगवान को मुख्य मंदिर में प्रवेश नहीं करने देतीं। कई प्रयासों और मान-मनौव्वल के बाद ही वह दरवाजा खोलने के लिए राज़ी होती हैं। तब जाकर भगवान जगन्नाथ मुख्य मंदिर में प्रवेश करते हैं।
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