Deoghar : 11 जुलाई से सावन महीने की शुरुआत के साथ ही देवघर और बासुकीनाथ में श्रावणी मेले का आयोजन शुरू हो जाएगा। प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां तेज कर दी गई हैं। एक महीने तक चलने वाले इस धार्मिक मेले में लाखों श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ और बासुकीनाथ मंदिर में जल चढ़ाने पहुंचते हैं।
इस बार यात्रा होगी 32 किलोमीटर लंबी
इस साल श्रद्धालुओं को देवघर से बासुकीनाथ जाने में पहले से 32 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी होगी। पहले यह दूरी 44 किलोमीटर थी, जो अब 76 किलोमीटर हो गई है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि फोरलेन सड़क निर्माण कार्य अभी सिर्फ 50% ही पूरा हुआ है और पुराने रास्ते की स्थिति खराब है। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
बाबा बैद्यनाथ धाम का विशेष महत्व
देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम 12 ज्योतिर्लिंगों में एक है और इसे मनोकामना लिंग व हृदयपीठ कहा जाता है। यहां शिव के साथ माता शक्ति की भी पूजा होती है। मान्यता है कि माता सती का हृदय यहीं गिरा था, जिससे यह स्थान शक्तिपीठ भी बन गया।
105 किलोमीटर की पैदल यात्रा
कांवड़ यात्रा की परंपरा के तहत श्रद्धालु बिहार के सुल्तानगंज से गंगा जल लेकर 105 किलोमीटर पैदल यात्रा कर देवघर पहुंचते हैं। सावन में यह यात्रा अत्यंत पुण्यकारी मानी जाती है। इस दौरान पूरा देवघर शहर कांवरियों से भर जाता है। जलाभिषेक के बाद श्रद्धालु बासुकीनाथ की ओर प्रस्थान करते हैं।
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