Ranchi : रांची विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. डी.के. सिंह ने विश्वविद्यालय से जुड़े माइनॉरिटी और एफिलिएटेड कॉलेजों के प्राचार्यों और प्रबंधकों के साथ एक बैठक की। यह बैठक विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित हुई। इस बैठक में कॉलेजों की पढ़ाई, प्रशासन और नामांकन से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा हुई।
नामांकन और छात्र उपस्थिति में गिरावट
कुलपति ने कहा कि सबसे बड़ी चिंता कॉलेजों में छात्रों की संख्या कम होना और उनकी उपस्थिति कम होना है। खासतौर पर वोकेशनल कोर्स के छात्रों में उपस्थिति केवल 30 प्रतिशत है, जो बहुत ही चिंताजनक है। उन्होंने कॉलेजों से कहा कि वे छात्र उपस्थिति बढ़ाने के लिए खास प्रयास करें और कॉलेजों में ऐसे कार्यक्रम करें जिससे छात्र कॉलेज से जुड़ा महसूस करें।
आवेदन संख्या में कमी की समस्या
बैठक में यह भी पता चला कि नए सत्र में कई कॉलेजों में आवेदन बहुत कम आए हैं, कुछ कॉलेजों में तो आवेदन नहीं मिले। कुलपति ने कहा कि यह सिर्फ कॉलेज की समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक और क्षेत्रीय कारण भी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह देखना जरूरी है कि कॉलेज की जरूरत और उसकी छवि क्या बनी हुई है।
पारदर्शिता और सुधार की पहल
बैठक में यह फैसला लिया गया कि कॉलेजों का सालाना मूल्यांकन होगा। जरूरत पड़ने पर उनकी व्यवस्था में बदलाव और कोर्स में सुधार की सिफारिश की जाएगी। कुलपति ने कहा कि कॉलेजों को अपनी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और नए तरीके अपनाने चाहिए।
समस्याओं का समाधान करें
प्राचार्यों ने शिक्षकों की कमी, सुविधाओं की समस्या और बजट की दिक्कतें बताईं। कुलपति ने सभी विभागों को इन समस्याओं के समाधान के निर्देश दिए। अंत में कुलपति ने कहा कि सभी प्राचार्य छात्रों के भविष्य के लिए जिम्मेदारी से काम करें और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा बनाए रखें।
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