Patna : बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र का तीसरा दिन भारी हंगामे और विरोध की भेंट चढ़ गया। बुधवार को विधानसभा और विधान परिषद दोनों सदनों में मतदाता पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया।
विधानसभा की दूसरी पाली में विपक्ष के वॉकआउट के बीच छह विधेयक पारित किए गए। इनमें जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक, बिहार कृषि विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, कारखाना संशोधन विधेयक, बिहार पशु प्रजनन विनियमन विधेयक 2025, बिहार प्लेटफार्म आधारित गिग कामगार विधेयक और बिहार दुकान व प्रतिष्ठान विधेयक शामिल हैं। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
विधान परिषद में भी दूसरी पाली शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा किया। राजद, कांग्रेस, भाकपा और भाकपा (माले) के सदस्य वेल में उतर आए। इसके बीच बिहार हिन्दू धार्मिक न्यास संशोधन विधेयक 2025 सहित छह विधेयक पारित कर दिए गए। परिषद की कार्यवाही केवल 15 मिनट चली और फिर गुरुवार दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।
सदन में तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाया। इसके जवाब में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि तेजस्वी को अपने माता-पिता के कार्यकाल को याद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज बिहार में विकास हुआ है, बिजली, सड़क और शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बिहार का बजट तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक है और सरकार सभी वर्गों के लिए काम कर रही है।
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