Patna : बिहार विधानसभा के मानसून सत्र का दूसरा दिन भी विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी विधायकों ने मतदाता पुनरीक्षण कार्य के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। पहली और दूसरी पाली में विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया और सदन में चर्चा की मांग की।
लंच ब्रेक के बाद सदन में पहुंचे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी मतदाता पुनरीक्षण के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा, “यह विषय बिहार के वोटरों से जुड़ा है, जो हमें चुनकर यहां भेजते हैं। बिहार लोकतंत्र की जननी है, लेकिन यहां लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश हो रही है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।” तेजस्वी ने विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि इस गंभीर मुद्दे पर सदन में चर्चा कराई जाए और कार्य मंत्रणा की बैठक बुलाई जाए। उन्होंने विशेष रूप से SIR (विशेष मतदाता पुनरीक्षण) पर चर्चा की मांग की।
तेजस्वी ने कहा, “अगर वोटरों के नाम ही मतदाता सूची से कट जाएंगे, तो लोकतंत्र का क्या अर्थ रह जाएगा? यह सदन लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर है। अगर हम यहां वोटरों के हित में चर्चा नहीं करेंगे, तो इस मंदिर का महत्व क्या रह जाएगा?”
वहीं, तेजस्वी की बात का जवाब देते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी विधायकों को अपनी बात रखने का मौका दिया गया था, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी और हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने कहा, “सदन में इस तरह का प्रदर्शन गलत है। जो भी बात कहनी हो, उसे शांतिपूर्ण तरीके से रखें।”
विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। मतदाता पुनरीक्षण के मुद्दे पर विपक्ष का रुख स्पष्ट है कि वे इस मामले में कोई समझौता नहीं करेंगे और सदन में इस पर विस्तृत चर्चा चाहते हैं। उधर, सत्ता पक्ष ने भी इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की बात कही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा विधानसभा में और गर्माने की संभावना है।
Also Read : अदाणी फॉउंडेशन के स्वास्थ्य शिविर में 105 लोगों की हुई निशुल्क जांच