झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा, राज्य में डायन बिसाही जैसे अंधविश्वास को रोकने और लोगों को जागरूक करने को लेकर क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

रांची। झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को राज्य में डायन बिसाही को लेकर हत्या एवं मारपीट की बढ़ती घटनाओं को लेकर कोर्ट के स्वतः संज्ञान की सुनवाई हुई। मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार को फ्रेश शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि झारखंड में डायन बिसाही जैसे अंधविश्वास को रोकने एवं लोगों को जागरूक करने को लेकर क्या-क्या कदम उठाए गए हैं? कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 9 सितंबर को निर्धारित की।

पिछली सुनवाई में मेंबर सेक्रेट्री, झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेज अथोरिटी (झालसा) की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया गया था। कोर्ट को जानकारी दी गई थी कि गुमला जिले में डायन बिसाही को लेकर मारपीट एवं हत्या की घटनाएं सर्वाधिक होती है। ऐसे में झालसा के द्वारा जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को डायन बिसाही की रोकथाम को लेकर प्रोत्साहित किया जा रहा है। मामले में एमिकस क्यूरी सुचित्रा पांडे ने पैरवी की। यह सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में हुई।

पूर्व में सुनवाई के दौरान झालसा की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि झालसा वैसे जगह पर पहुंची है जहां डायन बिसाही जेसी घटनाएं घटित होती हैं। इन क्षेत्रों में लोगों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि डायन को लेकर होने वाली हत्या पर रोकथाम हो सके। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया था कि डायन बिसाही जेसी घटनाओं पर अंकुश के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम को प्रमोट करना चाहिए। बता दें कि राज्य में डायन बिसाही को लेकर होम वाली हत्या की घटनाओं को लेकर कोर्ट ने मामले में स्वत संज्ञान लिया है।

Exit mobile version