Islamabad/Kabul : अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। तालिबान बलों ने बीती देर रात पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर हमला कर ‘जवाबी कार्रवाई’ शुरू कर दी। तालिबान ने पाकिस्तान पर काबुल में हवाई हमले का आरोप लगाया, जबकि पाक ने इसे खारिज करते हुए कई अफगान चौकियों को नष्ट कर दिया। खैबर-पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान सीमा पर कई जगहों पर झड़पें हुईं, जिसमें दर्जनों अफगान सैनिक और खारिजी (आतंकवादी) मारे गए। ईरान ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान ने पाकिस्तानी चौकियों पर गोलीबारी की, जिसके जवाब में पाकिस्तानी सेना ने कई अफगान चौकियों को निशाना बनाया। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि अफगान चौकियों और आतंकवादी ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा। झड़पें अंगूर अड्डा, बाजौर, कुर्रम, दीर, चित्राल (खैबर-पख्तूनख्वा) और बारामचा (बलूचिस्तान) जैसी प्रमुख जगहों पर हुईं। तालिबान के कुनार, नंगरहार, पक्तिका, खोस्त और हेलमंद प्रांतों के अधिकारियों ने झड़पों की पुष्टि की।
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Pakistan raises its concerns on the elements of India-Afghanistan Joint Statement and Remarks by Afghan Acting Foreign Minister in India
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— Ministry of Foreign Affairs – Pakistan (@ForeignOfficePk) October 11, 2025
तालिबान का दावा : पाक ने काबुल पर हमला किया
अफगान सेना के बयान में कहा गया, “पाकिस्तानी सेना के हवाई हमलों के जवाब में तालिबान सीमा बल विभिन्न सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तानी चौकियों पर भिड़ गए।” तालिबान ने दावा किया कि उन्होंने तीन पाकिस्तानी बॉर्डर पोस्ट कब्जे में ले लीं और हेलमंद व कुनार में दो पाकिस्तानी पोस्ट नष्ट कर दीं। पाकिस्तान ने हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली, लेकिन काबुल से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को शरण न देने की मांग की। एक्स पर वायरल वीडियो में तालिबान पाकिस्तानी झंडा लहराते दिख रहे हैं।

पूर्व अमेरिकी दूत की चिंता, बातचीत की अपील
पूर्व अमेरिकी दूत जल्माय खलीलजाद ने पाकिस्तानी हमलों पर चिंता जताई और इसे ‘बड़ा विस्तार’ बताया। एक्स पर उन्होंने कहा, “सैन्य कार्रवाई समाधान नहीं, डूरंड रेखा के दोनों ओर आतंकवादी ठिकानों से निपटने के लिए काबुल-इस्लामाबाद के बीच बातचीत जरूरी।” कतर ने भी संयम बरतने को कहा।
यह झड़प तब हुई जब अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत की साप्ताहिक यात्रा पर हैं। 2021 में तालिबान सत्ता में आने के बाद काबुल से यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा है।
पाकिस्तान ने भारत-अफगान संयुक्त बयान पर जताई आपत्ति
इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने भारत-अफगानिस्तान के संयुक्त बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। 10 अक्टूबर को विदेश मंत्री एस जयशंकर और मुत्ताकी के बीच चर्चा के बाद जारी बयान में जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बताने पर पाक ने इसे ‘संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों का उल्लंघन’ कहा।
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा, “जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा बताना यूएनएससी प्रस्तावों और क्षेत्र की कानूनी स्थिति का स्पष्ट उल्लंघन है। यह अवैध रूप से कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के लोगों के आत्मनिर्णय के संघर्ष और बलिदानों के प्रति असंवेदनशील है।” पाक ने अफगान राजदूत को तलब कर चिंताएं बताईं।
आतंकवाद पर मुत्ताकी की टिप्पणी से नाराजगी
पाक ने मुत्ताकी की टिप्पणी को भी खारिज किया कि ‘आतंकवाद पाकिस्तान की आंतरिक समस्या है।’ बयान में कहा, “पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की धरती से सक्रिय फितना-ए-ख्वारिज और फितना-ए-हिंदुस्तान आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी साझा की है, जो अफगान तत्वों का समर्थन पा रहे हैं।” पाक ने कहा कि अफगान सरकार क्षेत्रीय शांति की जिम्मेदारी से बच नहीं सकती। एक्स पर भी इस पर बहस छिड़ी है।
भारत-अफगान संबंधों में मजबूती
संयुक्त बयान में दोनों देशों ने आतंकवाद की निंदा की और क्षेत्रीय शांति पर जोर दिया। मुत्ताकी ने कहा, “अफगानिस्तान अपनी धरती किसी के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने देगा।” पाक ने अफगान नागरिकों को वापस लौटने की सलाह दी, जो दशकों से वहां रह रहे हैं।
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