Dhanbad: धनबाद के चर्चित नीरज सिंह हत्याकांड में आठ वर्षों से जेल में बंद झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद सोमवार को रिहा किया जाएगा। वह वर्तमान में रांची स्थित रिनपास (मानसिक आरोग्य एवं पुनर्वास संस्थान) में इलाज करा रहे हैं और यहीं से उनकी रिहाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने 8 अगस्त 2025 को यह आदेश दिया था। अदालत ने शर्त रखी है कि मुकदमे की सुनवाई पूरी होने तक संजीव सिंह धनबाद जिले में प्रवेश नहीं करेंगे, सिवाय इसके कि अदालत में उनकी उपस्थिति आवश्यक हो। जमानतदार के रूप में उनके मामा शिव शंकर सिंह और मित्र तुकेश कुमार सिंह ने गारंटी दी है। ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी ने जमानत आदेश के आधार पर जेल प्रशासन को रिहाई का निर्देश भेजा। अधिवक्ता मोहम्मद जावेद के अनुसार, संजीव सिंह ने लिखित वादा किया है कि वह न तो गवाहों को प्रभावित करेंगे और न सबूतों से छेड़छाड़ करेंगे।
21 मार्च 2017 को धनबाद के स्टीलगेट क्षेत्र में अंधाधुंध फायरिंग में पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह, उनके अंगरक्षक मुन्ना तिवारी, चालक घोल्टू और साथी अशोक यादव की हत्या कर दी गई थी। यह प्राथमिकी नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह की शिकायत पर सरायढेला थाने में दर्ज की गई थी। मुख्य आरोपियों में संजीव सिंह, उनके भाई मनीष सिंह, पिंटू सिंह, महंत पांडेय सहित अन्य के नाम शामिल हैं। पुलिस ने 28 जून 2017 को आरोपपत्र दाखिल किया था और तीन जनवरी 2019 को संजीव समेत छह आरोपियों पर आरोप तय हुए। अब तक 37 गवाहों की गवाही हो चुकी है और बचाव पक्ष की ओर से बहस जारी है।
संजीव सिंह की जमानत याचिका पहले तीन बार निचली अदालत और तीन बार उच्च न्यायालय से खारिज हो चुकी थी। सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने तर्क दिया कि अन्य सभी सहआरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है और वह सात गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। संजीव सिंह का परिवार झरिया की राजनीति में प्रभावशाली रहा है। उनके पिता स्वर्गीय सूर्यदेव सिंह, मां कुंती सिंह और पत्नी रागिनी सिंह भी झरिया से विधायक रह चुकी हैं। वर्तमान में उनकी पत्नी रागिनी सिंह झरिया की विधायक हैं।