पटना : राजद सुप्रीमो लालू यादव एक बार फिर मुश्किल में घिर गए हैं. दरअसल, मध्य प्रदेश की एमपीएमएलए कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. वारंट जारी होने के बाद बिहार में सियासत तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी लगातार लालू प्रसाद की पार्टी राजद पर हमलावर है. बीजेपी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कांग्रेस और राजद ने बिहार को पीछे धकेलने का काम किया. उन्होंने लालू प्रसाद पर हमला बोलते हुए कहा कि लालू राज में युवाओं को जमीन खरीद कर रोजगार दिया जाता था.

राजद ने वातावरण दूषित कर दिया था

भाजपा ने आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि राजद ने वातावरण दूषित कर दिया था. पीएम मोदी जी के बिहार आने से वातावरण साफ हो गया है. अब एकतरफा लड़ाई है. 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार में भाजपा चालीस के चालीस सीट पर जीतने जा रही है. जनता ने महागठबंधन की सारी करतूत को देख रही है.

क्या था मामला

लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मध्य प्रदेश की एमपीएमएलए कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. मामला हथियारों की अवैध खरीद-फरोख्त से जुड़ा है और करीब 26 साल से लंबित है. ग्वालियर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस संबंध में लालू के खिलाफ यह वारंट जारी किया है. ग्वालियर की अदालत ने लालू प्रसाद यादव को इस मामले में 1998 में फरार घोषित किया था. यूपी की फर्म के संचालक राजकुमार शर्मा पर आरोप है कि उसने ग्वालियर की हथियारों की तीन कंपनियों से फर्जीवाड़ा कर 1995 से 1997 के बीच हथियार और कारतूस खरीदे थे. शर्मा ने हथियार और कारतूस बिहार में बेच दिए थे. जिन लोगों को यह हथियार बेचे गए, उनमें लालू प्रसाद यादव का नाम भी है. ये मामला 23 अगस्त 1995 से 15 मई 1997 के बीच का है. इस मामले में कुल 22 आरोपी हैं. छह के खिलाफ सुनवाई चल रही है. दो की मौत हो चुकी है. वहीं लालू प्रसाद यादव समेत 14 फरार हैं.

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