Ranchi : झारखंड राज्य के सभी जिलों में शनिवार को सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए एक बड़ी पहल की गई। नालसा वीर परिवार सहायता योजना 2025 के अंतर्गत विधिक सेवा क्लिनिकों का वर्चुअल उद्घाटन किया गया। इसका शुभारंभ झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सह संरक्षक-इन-चीफ न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने दीपाटोली आर्मी कैंट के केरकेट्टा सभागार से किया। मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने कहा कि यह पहल केवल औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि सैनिकों को सच्ची श्रद्धांजलि है। जिन वीरों ने देश की रक्षा में अपना जीवन समर्पित किया, उनके परिवारों तक न्याय और सहयोग पहुंचाना न्यायपालिका का दायित्व है।
राष्ट्रीय लोक अदालत में ऐतिहासिक निपटारा
इसी क्रम में राज्यभर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ। इसमें 288 पीठों का गठन किया गया और 19,01,846 वादपूर्व व 1,60,032 लंबित मामलों का निपटारा हुआ। इस दौरान कुल ₹9,24,93,44,880 के विवादों का समझौता संपन्न हुआ।
90 दिवसीय विशेष अभियान की शुरुआत
कार्यक्रम के दौरान 90 दिवसीय वीर परिवार सहायता अभियान भी लॉन्च किया गया। इसके तहत अधिक से अधिक लाभार्थियों की पहचान कर उन्हें मुफ्त विधिक सहायता और राहत दी जाएगी। झालसा सदस्य सचिव कुमारी रंजना अस्थाना ने बताया कि यह योजना संविधान के अनुच्छेद 39(क) के तहत दिए गए अधिकारों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास है।
क्या बोल गये अतिथि…
मेजर जनरल सज्जन सिंह मान ने इसे सैनिकों और उनके परिवारों के लिए ऐतिहासिक कदम बताया। वहीं, न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद ने कहा कि यह योजना केवल कानूनी मदद तक सीमित नहीं है, बल्कि जागरूकता फैलाने की दिशा में भी बड़ा प्रयास है।
ये रहे मौजूद
इस मौके पर न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद, न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी, न्यायमूर्ति संजय प्रसाद, मेजर जनरल सज्जन सिंह मान (जीओसी, 23 इन्फैंट्री डिवीजन), ब्रिगेडियर राज कुमार समेत कई वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य मौजूद रहे।
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