Johar Live Desk : भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने अपनी ताजा बैठक में रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर रखने का फैसला किया है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को इसकी घोषणा की।
#WATCH | RBI Governor Sanjay Malhotra says, “…Over the medium term, the Indian economy holds bright prospects in the changing world order, drawing on its inherent strengths…” pic.twitter.com/PyNhjCdrMR
— ANI (@ANI) August 6, 2025
गवर्नर मल्होत्रा ने कहा, “मध्यम अवधि में, बदलती विश्व व्यवस्था में भारतीय अर्थव्यवस्था की संभावनाएं उज्ज्वल हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी अंतर्निहित शक्तियों पर आधारित है।” उन्होंने बताया कि MPC ने मौजूदा आर्थिक स्थिति और वैश्विक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है। इस साल फरवरी से जून तक RBI ने रेपो रेट में एक फीसदी की कटौती की थी, जिससे आम लोगों के कर्ज का बोझ कम हुआ था। हालांकि, इस बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने से लोगों को कटौती की उम्मीदों को झटका लगा है।
रेपो रेट का महत्व
रेपो रेट वह दर है, जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक कर्ज देता है। यह दर बाजार में नकदी (लिक्विडिटी) को नियंत्रित करने का एक प्रमुख उपकरण है। रेपो रेट में बदलाव का सीधा असर महंगाई, आर्थिक विकास और आम लोगों की लोन की ईएमआई पर पड़ता है। मौद्रिक नीति समिति की बैठक हर दो महीने में होती है, जिसमें रेपो रेट और अन्य नीतिगत दरों पर चर्चा की जाती है। वित्तीय वर्ष 2025-26 की तीसरी मौद्रिक नीति की अगली समीक्षा दिसंबर में होगी।
Also Read : ट्रंप की टैरिफ का शेयर बाजार पर दिखा असर, कमजोर रही शुरुआत