Ranchi: रांची के मधुकम, खादगढ़ा और रुगड़ीगढ़ा क्षेत्रों में गरीबों के लिए बनाए गए शहरी आवासों पर अवैध कब्जे के मामलों को लेकर झारखंड हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने स्वतः संज्ञान लेते हुए रांची नगर निगम को एक सप्ताह के भीतर सभी अवैध कब्जे हटाने और जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि गरीबों के लिए बनाए गए सरकारी आवासों पर कब्जा होना समाज के लिए शर्मनाक है। कोर्ट ने सवाल उठाया कि सरकारी मशीनरी इतने दिनों तक क्या कर रही थी, क्या अधिकारी सो रहे थे? अदालत ने यह भी कहा कि ऐसे कब्जे अचानक नहीं होते, यह लंबे समय से जारी है और इस दौरान प्रशासन मूकदर्शक बना रहा।
हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन लोगों ने अवैध रूप से सरकारी आवासों पर कब्जा किया है, उन्हें किसी भी सरकारी आवास योजना का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही, अदालत ने इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई शुरू करने का भी आदेश दिया।

रिपोर्ट के अनुसार, रांची के इन आवास परिसरों में कुल 670 फ्लैट बनाए गए थे, जिनमें से 210 से अधिक पर अवैध कब्जे की शिकायतें मिली हैं। अदालत ने कहा कि गरीबों के अधिकारों का हनन किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं है।