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    Home»झारखंड»बैंकों के निजीकरण से किसानों पर दोहरी मार पड़ेगी : कांग्रेस
    झारखंड

    बैंकों के निजीकरण से किसानों पर दोहरी मार पड़ेगी : कांग्रेस

    Team JoharBy Team JoharFebruary 6, 2021No Comments2 Mins Read
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    Joharlive Team

    रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि बैंकों के लगातार हो रहे निजीकरण से किसानों पर आने वाले समय में दोहरी मार पड़ेगी।
    पार्टी प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने यहां कहा कि पूरे देश में किसान एक ओर जहां कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनरत है तो दूसरी तरफ बैंकों के लगातार हो रहे निजीकरण से भी किसानों पर आने वाले समय में दोहरी मार पड़ेगी। उन्होंने 51 साल पुराने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा बैंकों के राष्ट्रीयकरण के फैसले को पलटने की कोशिश को गंभीर साजिश बताया और कहा कि बैंकों के निजीकरण देश के किसानों और कृषि जगत के लिए खतरनाक साबित होगा।
    श्री दूबे ने कहा कि वर्ष 2017 तक देश में 27 सरकारी बैंक थे, लेकिन एक-एक कर कर विलय के नाम पर खत्म किया जा रहा है। केंद्र में सत्ता में बैठे लोगों ने देश में 12 सरकारी बैंकों की संख्या को कम कर चार करने का साफ संकेत दिया है। बैंकों के राष्ट्रीयकरण का फैसला गरीबी दूर करने और कृषि क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के मकसद से लिया गया था। 1969 से पहले निजी बैंक सिर्फ कॉरपोरेट को लोन देते थे और इस दौरान बैंकिंग लोन में कृषि की हिस्सेदारी महज दो प्रतिशत थी, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सराहनीय फैसले से बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ और उसके बाद के वर्षों में कृषि लोन की हिस्सेदारी में लगातार बढ़ोत्तरी हुई।

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