Ranchi: झारखंड सरकार ने राज्य में शराब की कालाबाजारी और नकली शराब की बिक्री पर रोक लगाने के लिए सख्ती शुरू कर दी है। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए ‘ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम’ लागू करने की तैयारी तेज कर दी है। साथ ही, नई उत्पाद नीति से हुई राजस्व वृद्धि ने विभाग का मनोबल भी बढ़ा दिया है।
राज्य सरकार अब शराब कारोबार को पूरी तरह पारदर्शी बनाने के लिए तकनीक का सहारा ले रही है। ‘ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम’ लागू होने के बाद हर शराब की बोतल की यात्रा – उत्पादन से लेकर बिक्री तक – ऑनलाइन मॉनिटर की जा सकेगी। इस मॉडल को अपनाने के लिए झारखंड ने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और ओडिशा जैसे राज्यों से अनुभव साझा किए हैं, जहां यह व्यवस्था पहले से सफलतापूर्वक चल रही है।
इस पहल को लेकर उत्पाद मंत्री योगेंद्र प्रसाद महतो ने सोमवार को विभागीय सचिव, कमिश्नर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में सिस्टम लागू करने की रूपरेखा और समयसीमा पर विस्तृत चर्चा हुई। वहीं, नई शराब नीति का असर भी साफ दिख रहा है — विभागीय आंकड़ों के अनुसार सितंबर 2024 की तुलना में सितंबर 2025 में शराब बिक्री से 48% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले वर्ष जहां 181 करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी, वहीं इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 325 करोड़ रुपये पहुंच गया है।

विभाग अब राज्यभर की सभी शराब दुकानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने की प्रक्रिया में है। प्रत्येक बोतल पर क्यूआर कोड लगाया जाएगा और ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम लागू किया जाएगा, ताकि एमआरपी से अधिक वसूली जैसी शिकायतों पर पूर्ण विराम लगाया जा सके। सरकार की रणनीति दो दिशाओं में आगे बढ़ रही है — एक ओर नकली और अवैध शराब पर सख्त कार्रवाई, और दूसरी ओर पूरी बिक्री प्रणाली को डिजिटल व पारदर्शी बनाना।
झारखंड सरकार का लक्ष्य है कि ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम के जरिए शराब कारोबार को पूर्ण रूप से नियंत्रण और निगरानी में लाया जा सके, जिससे राजस्व बढ़े और अवैध कारोबार पर रोक लगे।