Johar Live Desk: GST सुधार 2025 में शिक्षा क्षेत्र को बड़ी राहत दी गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 3 सितंबर 2025 को हुई 56वीं GST काउंसिल बैठक में नेक्स्ट-जेनरेशन जीएसटी सुधार को मंजूरी दी गई। नए ढांचे का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल बनाना, परिवारों का बोझ घटाना और छोटे व्यापारियों व उद्यमों के लिए कारोबार को आसान करना है।
अब GST केवल दो स्लैब—5% और 18%—पर आधारित होगा। कृषि, एमएसएमई, स्वास्थ्य सेवाओं, श्रम-प्रधान उद्योगों और घरेलू उपभोग पर व्यापक दर कटौती की गई है। संशोधित दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी। वहीं, सिगरेट, तंबाकू और बीड़ी जैसी वस्तुओं पर वर्तमान सेस प्रणाली तब तक जारी रहेगी जब तक लंबित मुआवजा राशि निपट नहीं जाती।
शिक्षा क्षेत्र में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि कॉपी, पेंसिल, रबर, क्रेयॉन्स और शार्पनर जैसी आवश्यक अध्ययन सामग्री पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा। ज्योमेट्री बॉक्स, स्कूल कार्टन और ट्रे जैसी वस्तुओं को भी 12% से घटाकर 5% स्लैब में रखा गया है। इससे छात्रों के लिए पढ़ाई के साधन सस्ते होंगे, परिवारों पर बोझ कम होगा और शिक्षा की पहुंच आसान बनेगी।
यह सुधार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण के अनुरूप है, जिसमें उन्होंने आम लोगों को कर राहत देने का आश्वासन दिया था। इन बदलावों से मध्यवर्ग, युवाओं, महिलाओं, किसानों और छोटे उद्यमों को लाभ मिलने की उम्मीद है, साथ ही दीर्घकालिक आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा।
जीएसटी 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ था और इसे भारत का सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर सुधार माना जाता है। पिछले आठ वर्षों में इसमें कई बदलाव और डिजिटल एकीकरण किए गए हैं। अब यह नया ढांचा जीएसटी को और सरल, सर्वसमावेशी और आम जनता की जरूरतों के अनुरूप बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।