झारखंड: झारखंड के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव किया गया है। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अब पांचवीं और आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा OMR शीट पर नहीं बल्कि पारंपरिक लिखित तरीके से होगी। इस नई प्रणाली को वर्ष 2026 से लागू किया जाएगा।
झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) की जगह अब इन परीक्षाओं का आयोजन झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (JCERT) करेगा। यह घोषणा स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह ने की है। उन्होंने बताया कि जैक पर परीक्षाओं का अत्यधिक बोझ होने के कारण यह बदलाव जरूरी था।
परीक्षा पैटर्न में प्रमुख बदलाव:
•अब पांचवीं और आठवीं की परीक्षाएं OMR शीट पर नहीं होंगी।
•परीक्षाएं लिखित रूप में होंगी, जिनमें लघु, मध्यम और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न शामिल होंगे।
•पहली और दूसरी कक्षा की परीक्षाएं केवल मौखिक रूप से ली जाएंगी।
•पहली से सातवीं कक्षा तक की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन स्कूल स्तर पर ही किया जाएगा।
•परीक्षा परिणाम ई-विद्यावाहिनी पोर्टल पर एक सप्ताह के अंदर अनिवार्य रूप से अपलोड करना होगा।
सचिव ने बताया कि आने वाले समय में जेसीईआरटी को सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की वार्षिक परीक्षाएं आयोजित करने की भी जिम्मेदारी दी जाएगी। वहीं मैट्रिक और इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन अब डिग्री कॉलेजों और संबद्ध कॉलेजों के शिक्षक भी कर सकेंगे।
यह नई व्यवस्था न केवल परीक्षा को ज्यादा प्रभावी और पारदर्शी बनाएगी बल्कि छात्रों के बौद्धिक विकास को भी बढ़ावा देगी। स्कूल स्तर पर मूल्यांकन से बच्चों की कमजोरियों को समय रहते पहचाना और सुधारा जा सकेगा।
झारखंड में यह परिवर्तन करीब 8 लाख छात्रों को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा। शिक्षा विभाग का यह कदम राज्य के शैक्षणिक भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
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