Ranchi : झारखंड में नगर विकास विभाग की निविदाओं में भाग लेने वाले सभी संवेदकों को अब झारखंड GST (Jharkhand GST) निबंधन सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होगा। यह नियम राज्य के साथ-साथ बाहरी राज्यों के संवेदकों पर भी लागू होगा। नगर विकास विभाग ने इसके लिए झारखंड नगरपालिका संवेदक निबंधन नियमावली 2025 तैयार कर ली है, जिसे अगली कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी जाएगी। इसके बाद 2016 की पुरानी नियमावली को स्थगित कर दिया जाएगा।
अब किसी भी संवेदक—चाहे वह व्यक्ति, फर्म, कंपनी या ठेकेदार हो—को पंजीकरण के समय झारखंड माल और सेवा कर अधिनियम 2017 के तहत निबंधित होने का प्रमाण पत्र (स्वप्रमाणित कॉपी) देना होगा।
राज्य सरकार को राजस्व लाभ मिलेगा
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, झारखंड में निबंधित संवेदकों से जीएसटीआर-3बी फॉर्म के जरिये सीधे राज्य सरकार को टैक्स की राशि मिल जाएगी। जबकि बाहरी राज्यों से आने वाले संवेदकों के मामले में टैक्स की वसूली में जटिलताएं हो सकती हैं, क्योंकि उनकी जानकारी सही ना होने पर राज्य सरकार की उन पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकती।
वर्तमान नियमावली में यह प्रावधान नहीं
2016 की नियमावली में जीएसटी सर्टिफिकेट से संबंधित कोई अनिवार्यता नहीं थी। इसलिए अब नए नियम में इसे जोड़ने की तैयारी है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी संवेदक झारखंड जीएसटी अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत हों।
विभाग की एसबीडी नहीं है अपनी
राज्य के नगर विकास विभाग की अपनी मानक बिड डॉक्युमेंट (एसबीडी) नहीं है। 2.5 करोड़ रुपये से ऊपर की योजनाओं के लिए पथ निर्माण, भवन निर्माण, जल आपूर्ति और जल संसाधन विभाग की एसबीडी को ही अपनाया जाता है। नए नियम से राज्य सरकार को टैक्स राजस्व मिलने में आसानी होगी, साथ ही तृतीय पक्षों द्वारा टैक्स चोरी की संभावना भी घटेगी। नियमावली को जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
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