Johar live desk: अगर आप अब तक आधार कार्ड या पैन कार्ड को भारतीय नागरिकता का सबूत मानते आए हैं, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से ऐसे संकेत मिले हैं कि आने वाले समय में इन दोनों दस्तावेज़ों को नागरिकता प्रमाण के तौर पर मान्यता नहीं दी जाएगी। इसका मतलब है कि अब नागरिकता साबित करने के लिए केवल दो दस्तावेज़ ही मान्य होंगे “जन्म प्रमाण पत्र” और “नागरिकता प्रमाण पत्र”।
आखिर क्यों नहीं मान्य होंगे आधार और पैन कार्ड?
आधार कार्ड केवल पहचान का एक माध्यम है, जो भारत में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को जारी किया जा सकता है, चाहे वो भारतीय नागरिक हो या विदेशी। इसी तरह, पैन कार्ड आयकर विभाग द्वारा टैक्स संबंधी कार्यों के लिए जारी किया जाता है, न कि नागरिकता के लिए। इसलिए इनका इस्तेमाल नागरिकता प्रमाण के रूप में मान्य नहीं माना जा रहा।
अब कौन से दस्तावेज़ होंगे जरूरी?
सरकार के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, भारतीय नागरिकता का प्रमाण देने के लिए अब केवल दो दस्तावेज़ मान्य होंगे–
1. जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate):
• यह दस्तावेज़ व्यक्ति के भारत में जन्म की पुष्टि करता है।
• इसे नगर निगम, ग्राम पंचायत या अन्य अधिकृत सरकारी संस्था द्वारा जारी किया जाता है।
• इसमें जन्म स्थान, तारीख और माता-पिता का नाम शामिल होता है।
2. नागरिकता प्रमाण पत्र (Citizenship Certificate):
• यह उन लोगों के लिए ज़रूरी होता है जिन्होंने भारत की नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत नागरिकता प्राप्त की है।
• यदि कोई व्यक्ति या उसके पूर्वज किसी अन्य देश से आए हैं और उन्होंने भारत की नागरिकता ली है, तो यह प्रमाण पत्र अनिवार्य होता है।
आम जनता को क्या करना चाहिए?
अगर आपके पास ये दस्तावेज़ नहीं हैं, तो जल्द से जल्द बनवा लें। खासकर वे लोग जिनके पास केवल आधार या पैन कार्ड है, उन्हें आने वाले समय में सरकारी योजनाओं, पासपोर्ट आवेदन या अन्य कानूनी प्रक्रियाओं में दिक्कत हो सकती है।
सरकार की यह पहल नागरिकता को लेकर पारदर्शिता और प्रमाणिकता सुनिश्चित करने के लिए है। आम लोगों को समय रहते अपने दस्तावेज़ दुरुस्त कर लें, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी से बचा जा सके।
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