Ranchi : झारखंड सरकार ने ‘बिहार संस्था निबंधन नियमावली 1985’ को निरस्त करते हुए ‘झारखंड संस्था निबंधन नियमावली 2025’ लागू कर दी है। इस संबंध में राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।
अब संस्था के निबंधन के लिए ऑनलाइन आवेदन लिया जाएगा। साथ ही संस्थाओं को हर वित्तीय वर्ष के अंत में अपनी सभी गतिविधियों, प्राप्त अनुदानों (राज्य, केंद्र और विदेशी फंडिंग) की जानकारी राज्य सरकार को देना अनिवार्य होगा।
नए नियमों की मुख्य बातें :
- राष्ट्रीय स्तर पर निबंधन कराने पर 3000 रुपये कंप्यूटरीकरण शुल्क देना होगा।
- केवल झारखंड में काम करने वाली संस्था को 2000 रुपये शुल्क देना होगा।
- राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर काम करने वाली संस्थाओं को 1000 रुपये अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
- नवीकरण का प्रावधान भी रखा गया है, जो समय पर कराना अनिवार्य है।
- तीन साल तक वार्षिक प्रतिवेदन नहीं देने पर निबंधन रद्द कर दिया जाएगा।
- कदाचार, समय पर नवीकरण नहीं करने, या गलत जानकारी देने पर भी निबंधन रद्द हो सकता है।
किन प्रयोजनों के लिए संस्था का निबंधन होगा :
- सामाजिक कल्याण
- शिक्षा और खेल का विकास
- महिला एवं बाल कल्याण
- वन एवं पर्यावरण संरक्षण
- स्वास्थ्य सेवाएं और जागरूकता
- जनहित से जुड़े अन्य विषय
इन मामलों में निबंधन का आवेदन अस्वीकार होगा :
- संस्था का नाम पहले से निबंधित संस्था जैसा हो।
- नाम से यह प्रतीत हो कि यह संस्था सरकार द्वारा प्रायोजित है।
- संस्था विशुद्ध रूप से किसी जाति, धर्म आदि को बढ़ावा देती हो।
- संस्था पर न्यायालय में आरोप सिद्ध हो चुके हों।
- संस्था ने पूर्व में किसी अर्थदंड का भुगतान न किया हो।
- संस्था व्यवसायिक उद्देश्य से बनाई गई हो।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह संस्थाओं को वित्तीय सहायता देने के लिए बाध्य नहीं है, लेकिन यदि दे तो वह स्वैच्छिक होगा।
यह नई नियमावली राज्य में कार्यरत एनजीओ और अन्य गैर-सरकारी संस्थाओं के पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
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