Ranchi : झारखंड सरकार की नई शराब नीति को भले ही कैबिनेट की मंजूरी मिल गई हो, लेकिन यह फिलहाल लागू नहीं हो पाएगी। उत्पाद विभाग की स्थिति बिगड़ने के कारण नीति को लागू करने में देरी हो रही है। विभाग के मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने बताया कि जब तक हालात नहीं सुधरते, तब तक 30 जून के बाद शराब की खुदरा बिक्री विभाग खुद संभालेगा।
अधिकारियों की गिरफ्तारी से बिगड़ा सिस्टम
नई शराब नीति की घोषणा के बाद उत्पाद विभाग में बड़ी उथल-पुथल मच गई। एसीबी (ACB) ने तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे, संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह, और वित्त महाप्रबंधक सुधीर कुमार दास को गिरफ्तार कर लिया। मौजूदा सचिव मनोज कुमार को भी पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया है। वहीं, उत्पाद आयुक्त भी राज्य से बाहर ट्रेनिंग पर हैं।
लॉटरी प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं
सरकार ने 15 मई को नई शराब नीति को मंजूरी दी थी। योजना थी कि 45 दिनों के अंदर लॉटरी के जरिए दुकानों को निजी हाथों में सौंपा जाएगा। लेकिन लगभग एक महीना बीत जाने के बाद भी विभाग की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। सूत्रों के अनुसार, कर्मचारी और अधिकारियों की कमी के कारण विभाग काम आगे नहीं बढ़ा पा रहा है।
30 जून के बाद जिलों को दी जाएगी जिम्मेदारी
उत्पाद मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने बताया कि 30 जून के बाद जिले के उत्पाद कार्यालयों को बिक्री की जिम्मेदारी दी जाएगी। इससे पहले प्लेसमेंट एजेंसियों को हटाया जाएगा और सहायक उत्पाद आयुक्त की टीम बिक्री और मैनपावर की जिम्मेदारी संभालेगी।
मंत्री ने कहा कि जैसे ही विभाग की स्थिति बेहतर होगी, नई शराब नीति को लागू कर दिया जाएगा। फिलहाल विभाग खुद शराब की बिक्री का काम देखेगा।
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