Jamshedpur: जमशेदपुर के बागबेड़ा थाना क्षेत्र के हरहरगुट्टू में एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया। 19 वर्षीय आनंद भारद्वाज ने मोबाइल गेम की लत और उससे उपजे तनाव में अपनी जान दे दी। परिजनों के मुताबिक आनंद देर रात तक मोबाइल पर गेम खेलता रहता था। कई बार समझाने के बावजूद जब उसकी आदत नहीं छूटी तो परिवार ने कड़ा कदम उठाते हुए उसका मोबाइल जब्त कर लिया। इसके बाद से वह लगातार चुप रहने लगा और घर के लोगों से भी बात करना कम कर दिया।
बुधवार रात वह अपने कमरे में चला गया और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। सुबह तक जब कोई आवाज नहीं आई तो परिवार को चिंता हुई। दरवाजा तोड़ा गया तो वह पंखे से फंदे से लटका मिला। आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, हालात की जांच की और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि मोबाइल गेम खेलने की आदत और उस पर परिवार द्वारा लगाम कसने के बाद उपजी निराशा ही आत्महत्या की मुख्य वजह बनी। मृतक के चाचा ने बताया कि आनंद ने हाल ही में आईटीआई की पढ़ाई पूरी की थी। उसके पिता संतोष चौधरी लकवाग्रस्त हैं और बड़े भाई की पढ़ाई चंडीगढ़ में चल रही है। परिवार पहले से ही आर्थिक तंगी झेल रहा था, जिससे घर का माहौल भी तनावपूर्ण था।
घटना के बाद मोहल्ले में मातम पसरा हुआ है। लोग स्तब्ध हैं कि एक किशोर इतना बड़ा कदम कैसे उठा सकता है। विशेषज्ञों ने इस घटना को एक चेतावनी बताया है। उनका कहना है कि मोबाइल गेमिंग जैसी डिजिटल लत युवाओं की सोच और मानसिक स्थिति पर गहरा असर डालती है। सिर्फ रोकने या डांटने से समस्या हल नहीं होती। अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों से खुलकर बात करें, उनकी समस्याएं समझें और उन्हें तकनीक के सही इस्तेमाल के बारे में सिखाएं। विशेषज्ञों ने चेताया कि अगर समाज ने इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया तो ऐसी दुखद घटनाएं और बढ़ सकती हैं।