Ranchi : झारखंड की राजनीति में अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी और भाजपा नेता व पूर्व स्वास्थ्य मंत्री भानु प्रताप शाही के बीच जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही। दोनों नेता एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगाते रहे हैं। कभी “देख लेने” की धमकी, तो कभी शराब को लेकर तंज… इस विवाद की लपटें लगातार तेज हो रही हैं।
हालिया विवाद से गरमाया माहौल
दो दिन पहले मंत्री इरफान अंसारी ने भानु प्रताप शाही को “गैर-झारखंडी” और “दारूबाज” कहकर हमला बोला। इस बयान के बाद भाजपा नेता भानु प्रताप शाही ने भी करारा पलटवार किया और इरफान अंसारी के साथ-साथ उनके पिता पर भी “दारूबाज” होने का आरोप जड़ दिया। इस बयानबाजी ने राजनीतिक हलकों में काफी हलचल मचा दी।
सामाजसेवी शशांक शेखर की नसीहत
विवाद बढ़ता देख एक युवा सामाजसेवी शशांक शेखर ने मंत्री इरफान अंसारी को फोन किया और उनसे ऐसे बयानों से बचने की नसीहत दी। शशांक ने कहा कि ऐसे शब्दों से राजनीति में गलत संदेश जाता है और इससे समाज में भी गलत असर पड़ता है।
मंत्री इरफान अंसारी की सफाई
फोन कॉल के बाद इरफान अंसारी ने अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनका मकसद किसी की निजी छवि पर हमला करना नहीं है, लेकिन कैमरे के सामने वे कभी-कभी ज्यादा भावुक हो जाते हैं। मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि कैमरा उनकी कमजोरी है और कई बार उनके ही बयानों से विवाद खड़ा हो जाता है।
चाय पर बुलाकर कही दिल की बात
विवाद शांत करने के लिए इरफान अंसारी ने भानु प्रताप शाही को चाय पर न्यौता दिया। इसके बाद उन्होंने सीधे सवाल किया – “आप मुझे बार-बार क्यों टारगेट करते हैं? और मंत्री नहीं हैं क्या?” मंत्री ने कहा कि वह दिल से सच्चे इंसान हैं, हमेशा मदद करने को तैयार रहते हैं, लेकिन मीडिया के सामने कुछ ऐसा बोल जाते हैं जिससे उन्हें बार-बार विवाद झेलना पड़ता है।
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और युवा समाजसेवी शशांक शेखर के बीच फोन पर क्या बातचीत हुई… सुनें
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