Ranchi : प्रदेश राजद प्रवक्ता कैलाश यादव ने कहा है कि आगामी 15 नवंबर को झारखंड अपना 25वां स्थापना दिवस मनाएगा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य के नामकरण और गठन में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की भूमिका ऐतिहासिक रही है, जिसे झारखंड के इतिहास में “स्वर्ण अक्षरों” में दर्ज किया जाना चाहिए।
कैलाश यादव ने कहा कि वर्ष 1995 में लालू प्रसाद यादव ने एकीकृत बिहार के मुख्यमंत्री रहते हुए झारखंड स्वायत्त परिषद (जैक) का गठन किया था और शिबू सोरेन को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया था। इस कदम ने झारखंड आंदोलन को निर्णायक दिशा दी थी। उन्होंने कहा कि लालू यादव ने उस समय झारखंड अलग राज्य की मांग का समर्थन किया था, जबकि भारतीय जनता पार्टी झारखंड नामकरण के खिलाफ थी और “वनांचल” नाम की वकालत कर रही थी।
राजद प्रवक्ता ने बताया कि झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता शिबू सोरेन ने जैक के अध्यक्ष के रूप में अलग राज्य के निर्माण में अहम भूमिका निभाई। इसके परिणामस्वरूप 15 नवंबर 2000 को झारखंड राज्य का गठन हुआ।

कैलाश यादव ने कहा कि लालू प्रसाद यादव सामाजिक न्याय और वंचित वर्गों के अधिकारों के प्रतीक रहे हैं। उन्होंने दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक और आदिवासी समाज के उत्थान के लिए सदैव संघर्ष किया। लालू यादव को आशंका थी कि केंद्र की तत्कालीन एनडीए सरकार राज्य बनने के बाद आदिवासी और कमजोर वर्गों के साथ भेदभाव कर सकती है — और 25 वर्षों में कई बार सत्ता परिवर्तन ने उनकी इस चिंता को सही साबित किया।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने कभी भी झारखंड नामकरण का समर्थन नहीं किया। तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के कार्यकाल में ही झारखंड नाम से राज्य का गठन हुआ।
अंत में कैलाश यादव ने कहा कि “राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने झारखंड आंदोलन को मजबूती देने में शिबू सोरेन के साथ मिलकर जो ऐतिहासिक योगदान दिया, उसे स्थापना दिवस पर पूरे सम्मान के साथ याद किया जाना चाहिए। झारखंड के इतिहास में उनकी भूमिका को स्वर्ण अक्षरों में दर्ज किया जाना चाहिए।”
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