Simdega : झारखंड की मिट्टी एक बार फिर चमक उठी है। सिमडेगा की 17 वर्षीय अमीषा केरकेट्टा का चयन अबूधाबी में होने वाले यूथ ओलंपिक गेम्स के लिए हुआ है। अमीषा भारत की ओर से बॉक्सिंग में हिस्सा लेंगी। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए गर्व की बात है, बल्कि पूरे झारखंड के लिए भी सम्मान की बात है।
किसान की बेटी बनी अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर
अमीषा एक बेहद साधारण परिवार से आती हैं। पिता किसान हैं और मां गृहिणी। आर्थिक तंगी के बावजूद अमीषा ने कभी हार नहीं मानी। वह झारखंड स्टेट स्पोर्ट्स प्रमोशन सोसाइटी (JSSPS) की छात्रा हैं और अर्जुन अवॉर्डी कोच बीबी मोहंती से ट्रेनिंग ले रही हैं।
सिल्वर मेडलिस्ट अमीषा की मेहनत का असर
हाल ही में अमीषा ने जूनियर वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया। इसके अलावा उन्होंने अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर टूर्नामेंट में भी मेडल हासिल किए। लगातार अच्छे प्रदर्शन के चलते उनका चयन यूथ ओलंपिक कैंप के लिए हुआ।
अमीषा का सपना – भारत के लिए ओलंपिक में मेडल
अमीषा कहती हैं, “हालात कठिन थे, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। मेरा सपना है कि 2028 ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करूं।” उन्होंने अपने कोच और माता-पिता को अपनी सबसे बड़ी ताकत बताया।
कोच को अमीषा पर भरोसा
कोच बीबी मोहंती ने कहा, “अमीषा में जबरदस्त लगन और अनुशासन है। मुझे पूरा विश्वास है कि वह आने वाले समय में देश के लिए ओलंपिक मेडल जरूर जीतेगी।”
JSSPS और सरकार का सहयोग
अमीषा की सफलता में JSSPS का बड़ा योगदान रहा है। खेल सचिव और अधिकारियों ने अमीषा को बधाई दी और उम्मीद जताई कि वह यूथ ओलंपिक में मेडल जीतकर झारखंड और देश का नाम रोशन करेंगी।
अब नजरें अबूधाबी पर
अमीषा आज हजारों लड़कियों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। एक किसान की बेटी ने यह साबित कर दिया कि हौसले बुलंद हों तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता। अब पूरे देश की नजरें अबूधाबी में होने वाले यूथ ओलंपिक पर टिकी हैं, जहां अमीषा भारत की उम्मीद बनकर रिंग में उतरेंगी।
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