Ranchi : झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने मंगलवार को सभी जिलों के निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक की। उन्होंने मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण की तैयारियों पर जोर देते हुए कहा कि वर्तमान सूची को 2003 की मतदाता सूची से त्रुटिरहित मैपिंग की जाए। इससे फॉर्म भरते समय बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) पुराने विवरण उपलब्ध करा सकेंगे।
2003 की सूची से कैसे मिलेगा फायदा
- जिन मतदाताओं का नाम 2003 की सूची में है, बीएलओ उन्हें पुराना विवरण देंगे।
- अन्य राज्य की 2003 सूची में नाम वाले मतदाता संबंधित राज्य की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाएं।
- अगर नाम नहीं है, लेकिन माता-पिता का नाम 2003 में है, तो बीएलओ उनका विवरण निकालकर फॉर्म के साथ दें।
जन्म तिथि प्रमाण के लिए दस्तावेज नियम
मतदाताओं को जन्म तिथि या स्थान प्रमाणित करने के लिए अतिरिक्त दस्तावेज देने होंगे :
- 1 जुलाई 1987 से पहले जन्मे: सिर्फ अपना एक वैध दस्तावेज दें। 2003 सूची में नाम होने पर बीएलओ विवरण उपलब्ध कराएंगे।
- 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्मे: अपना दस्तावेज और माता-पिता में से एक का दस्तावेज दें। 2003 सूची में नाम होने पर बीएलओ मदद करेंगे।
- 2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे युवा: अपना और दोनों माता-पिता का दस्तावेज दें। माता-पिता का 2003 विवरण बीएलओ से मिलेगा।
सभी फॉर्मों का समय पर निपटारा
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी जिलों को फॉर्मों की समीक्षा कर समय पर निपटाने के निर्देश दिए। बैठक में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुबोध कुमार, सभी जिलों के ईआरओ, उप निर्वाचन पदाधिकारी और कार्यालय के अधिकारी मौजूद थे।
