Johar Live Desk : केरल के कोच्चि में आयोजित एरोबिक जिम्नास्टिक नेशनल चैंपियनशिप 2025-26 में झारखंड की टीम ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए कुल 21 पदक अपने नाम किए। इस शानदार उपलब्धि ने न केवल राज्य का मान बढ़ाया, बल्कि यह भी दर्शाया कि झारखंड सीमित संसाधनों के बावजूद एरोबिक जिम्नास्टिक जैसे तकनीकी खेल में राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत पकड़ बना चुका है।
नेशनल डेवलपमेंट वर्ग में झारखंड की ओर से एकमात्र प्रतिभागी पृथ्वी देव भट्टाचार्य ने शानदार खेल दिखाते हुए ऑल इंडिया रैंकिंग में चौथा स्थान प्राप्त किया। यह उनकी पहली नेशनल चैंपियनशिप थी, और उन्होंने अपने प्रदर्शन से फेडरेशन का ध्यान आकर्षित किया। उनकी यह सफलता भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचने की संभावना को मजबूत करती है।
यूथ (सब-जूनियर) वर्ग: प्रतिभा की नई लहर
यूथ कैटेगरी में भी झारखंड के युवा खिलाड़ियों ने दमदार प्रदर्शन किया और फाइनल तक का सफर तय किया। इस वर्ग में सौर्य सशांक कुजूर, रुद्र कुमार, हर्षित राज, आथर्व गुप्ता, दिव्यांश कुमार, आरव तिवारी, आदित्य राज और अनमोल कलिता शामिल थे। प्रतियोगिता में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद इन खिलाड़ियों ने यह सिद्ध कर दिया कि वे राष्ट्रीय स्तर की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं।
जूनियर वर्ग: पदकों की झड़ी
जूनियर कैटेगरी में झारखंड को सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल हासिल हुए। इस वर्ग में आकाश कुमार महतो, परमेश्वर राय, चंदा कुमारी, दिशा महेश्वरी, करिश्मा उरांव, दशमी कुमारी, रिया कुमारी और सपना कुमारी ने शानदार प्रदर्शन कर राज्य को गौरवान्वित किया।
सीनियर वर्ग: अनुभव का कमाल
सीनियर वर्ग में सूरज कुमार केशरी, नयन कच्छप, चाहत कुमार केरकेट्टा, अनुराग कुमार, कुमारी ऋष्टि राज, टोनू गोपाल, अमित गोप और करण कुमार जैसे अनुभवी खिलाड़ियों ने झारखंड की ओर से भाग लिया। इनके साथ सीनियर खिलाड़ी सह कोच विकास कुमार गोप की भूमिका भी उल्लेखनीय रही। इस वर्ग से राज्य को ब्रॉन्ज मेडल प्राप्त हुआ।
स्वागत समारोह: हीरो की तरह हुआ खिलाड़ियों का अभिनंदन
रांची रेलवे स्टेशन पर जब यह विजेता टीम लौटी, तो एसोसिएशन के पदाधिकारियों और खेल प्रेमियों ने उनका भव्य स्वागत किया। खिलाड़ियों को फूल-मालाओं से सम्मानित किया गया और ‘झारखंड जिम्नास्टिक ज़िंदाबाद’ जैसे नारों से माहौल गूंज उठा। खिलाड़ियों के चेहरों पर आत्मविश्वास और खुशी साफ झलक रही थी।
संघर्षों के बीच सफलता की कहानी
झारखंड जिम्नास्टिक एसोसिएशन के पदाधिकारी दीपक ने बताया कि इस टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने पहली बार नेशनल स्तर पर भाग लिया और अपनी मेहनत से सबको चौंका दिया। वहीं कोच विकास कुमार गोप ने कहा कि अभी भी राज्य में एरोबिक जिम्नास्टिक के लिए बुनियादी ढांचे की भारी कमी है, लेकिन खिलाड़ियों का जज़्बा और समर्पण ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
भविष्य की दिशा
झारखंड की यह उपलब्धि यह साबित करती है कि यदि खिलाड़ियों को सही संसाधन, प्रशिक्षण और अवसर मिले, तो वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का परचम लहरा सकते हैं। इस चैंपियनशिप में झारखंड के खिलाड़ियों की प्रतिभा और संघर्ष ने एक नई उम्मीद जगा दी है।