Ranchi : झारखंड प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधि संघ ने गुरुवार को अपनी आठ मांगों को लेकर राजभवन के सामने जोरदार धरना दिया। इस आंदोलन में राज्यभर से सैकड़ों मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, प्रमुख, उप-प्रमुख, वार्ड सदस्य और जिला परिषद प्रतिनिधि शामिल हुए।
जनप्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार पंचायत व्यवस्था की अनदेखी कर रही है। तीन साल बीत जाने के बावजूद पंचायतों को 15वें वित्त आयोग और राज्य वित्त आयोग की राशि नहीं दी गई है। राज्य गठन के 25 साल बाद भी गांवों को सशक्त नहीं बनाया गया। सत्ता में आने से पहले सभी दल पंचायत सशक्तिकरण की बातें करते हैं, लेकिन सत्ता मिलने के बाद वादों को भूल जाते हैं।
संघ ने सरकार से आग्रह किया कि पंचायतों को उनकी हक़ की राशि तुरंत दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि आकस्मिक निधन की स्थिति में जनप्रतिनिधियों को मुआवजा मिलना चाहिए। इसके अलावा, पंचायत प्रतिनिधियों को बिहार और केरल की तरह मासिक मानदेय मिलना चाहिए। टाइड और अनटाइड फंड को आवश्यकता अनुसार खर्च करने और चेक द्वारा भुगतान करने का अधिकार पंचायतों को दिया जाना चाहिए। संघ ने जोर देकर कहा कि त्रिस्तरीय पंचायतों की वित्तीय शक्तियों को बहाल करना भी जरूरी है।

संघ ने चेतावनी दी कि जब तक सरकार इन मांगों को पूरा नहीं करती, आंदोलन जारी रहेगा। अगर जल्दी मांगें नहीं मानी गईं, तो राज्यव्यापी आंदोलन होगा और पंचायतों का कामकाज ठप हो जाएगा।

